दिल्ली के श्रद्धा हत्याकांड मामले पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने दी तीखी प्रतिक्रिया

दिल्ली श्रद्धा हत्याकांड
श्रीमती लता राव                                          श्रीमती प्रवीणा जैन
श्रीमती उषा बिरला।                                        श्रीमती नितिका सिन्हा।
श्रीमती ज्योति बर्फा
०- पिपलिया बुजुर्ग से मनोहर मंजुल 

पिछले दिनों दिल्ली में श्रद्धा हत्याकांड की ग्राम की प्रबुद्ध महिलाओं ने निंदा करते हुए इसे सभ्य समाज के माथे पर कलंक निरूपित किया है समाज जनों का यह भी कहना है कि इस कांड से जुड़े आरोपी पर विशेष कोर्ट में मुकदमा चलाकर तुरंत सजा दी जाए।

वरिष्ठ अध्यापिका लता राव ने श्रद्धा हत्याकांड की कठोरतम शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि प्रेम संबंधों की इस प्रकार परिणीति न केवल दुर्भाग्य पूर्ण अपितु समाज के लिए चिंता का विषय है संस्कारों का अभाव इसका सबसे बड़ा कारण है।

ऑप्टोमेट्रिस्ट नितिका सिन्हा आफताब को दरिंदा निरूपित करते हुए इस बात पर बल दिया कि दोषी व्यक्ति ने क्रूरता की पराकाष्ठा को पार किया है। लिव इन रिलेशनशिप जैसी घटनाएं आज समाज के लिए प्रश्न चिन्ह है क्या इस प्रकार की घटनाएं आने वाले समय का संकेत नहीं है समाज और सरकार को जागरूक एवं कठोर कानूनों की जरूरत है।

ग्रहणी उषा बिरला इस बात पर जितनी आक्रोशित हैं उतनी ही चिंतित भी हैं आपका कहना है कि समाज को सर्वाधिक जरूरत संस्कारों एवं अपने नैतिक मूल्यों की है इस प्रकार की घटनाएं नैतिक मूल्यों के अभाव के कारण जन्म लेती हैं श्रीमती बिरला कठोर कानून एवं न्यायालय प्रक्रिया को तेज बनाए जाने की आवश्यकता महसूस करती हैं।

ग्रहणी प्रवीणा जैन बताती है कि जब शव के 35 टुकड़े किए जाने की बात सामने आई दिल दहल गया हमें शर्म आती है कि हम जिस समाज में रहते हैं वहां ऐसे दरिंदे भी बसते हैं श्रीमती जैन ने समाज और सरकार से अपेक्षा की है कि समाज अपने परंपरा और विरासत का उल्लंघन ना करें एवं सरकार ऐसे दोषियों को कठोरतम सजा देने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करें ऐसे दोषी को व्यक्ति केवल मृत्युदंड ही दिया जाए।

मेडिकल स्टोर संचालिका ज्योति बर्फा ने श्रद्धा हत्याकांड की कठोरतम शब्दों में निंदा करते हुए गहन दुख व्यक्त किया एवं इस बात पर बल दिया कि ऐसे दुर्दांत क्रूर और निर्मम दरिंदे का केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए एवं शीघ्र से शीघ्र इसे फांसी के फंदे तक पहुंचाया जाए। श्रीमती बर्फा यह भी कहती है कि हमें अपनी जमीन पर अपने संस्कारों के साथ जुड़ना होगा संस्कारों का अभाव परिवार का अनुशासन ना होना इस प्रकार की घटनाओं का सबसे बड़ा कारण है