प्रशांत भूषण के कोर्ट की अवमानना मामले के जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रशांत भूषण ने अपनी टिप्पणी के जवाब में जो बयान दिया है वह ज्यादा अपमानजनक है. बताते चलें कि पिछली सुनवाई में प्रशांत भूषण ने 2009 में दिए अपने बयान पर खेद जताया था लेकिन बिना शर्त माफ़ी नहीं मांगी थी.
उन्होंने कहा था कि तब मेरे कहने का तात्पर्य भ्रष्टाचार कहना नहीं था बल्कि सही तरीक़े से कर्तव्य न निभाने की बात थी. जानकारी के लिए बता दें कि 2009 में एक इंटरव्यू में वकील भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के 8 पूर्व चीफ़ जस्टिस को भ्रष्ट कहा था.
जस्टिस मिश्रा ने कहा, ‘ट्वीट को न्यायोचित ठहराने संबंधी उनका जवाब पढ़ता दर्दनाक है. यह पूरी तरह अनुचित है. प्रशांत भूषण जैसे वरिष्ठ मेंबर से ऐसी उम्मीद नहीं की जाती. यह केवल उन्हीं की बात नहीं है, यह अब सामान्य बनता जा रहा है. यदि 30 वर्ष से कोर्ट में खड़ा जैसा होने वाले भूषण जैसा शख्स ऐसा कहता है तो लोग उन पर विश्वास करते हैं. वे सोचते हैं जो वे कह रहे हैं वह सच है.
SC:अवमानना केस में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण दोषी करार