
चैट लीक होने पर WhatsApp ने सफाई दी है.
नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) द्वारा ड्रग्स मामले की जांच में कई WhatsApp चैट सामने आये हैं. इसके बाद अब लोगों ने सवाल खड़ा किया है कि एनक्रिप्शन होने के बाद भी इसे कैसे एक्सेस कर लिया गया. WhatsApp के प्रवक्ता ने गुरुवार को इस पर सफाई दी है.
नई दिल्ली. इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp अपने सभी चैट के एंट-टू-एंड इनक्रिप्टेड (End-to-end Encyption) होने का दावा करता है. लेकिन सुशांत सिंह राजपूत मामले (Sushant Singh Rajput Case) की जांच में लगातार सामने आ रहे WhatsApp चैट पर सवाल खड़े हो गये हैं.
लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि एनक्रिप्शन (WhatsApp Chat Encryption) के बावजूद भी ये चैट्स कैसे सामने आ रहे हैं? नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने दीपिका पादुकोण और श्रद्धा कपूर के 2017 के WhatsApp चैट के आधार पर ही समन भेजा है. इन चैट्स को टैलेंट एजेंट जया शाहा के स्मार्टफोन से एक्सेस किया गया है. WhatsApp ने गुरुवार को कहा कि उसके प्लेटफॉर्म पर मौजूदा मैसेज को कोई भी र्थड पार्टी एक्सेस नहीं कर सकती है.
WhatsApp ने क्या कहा?
WhatsApp के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा, ‘WhatsApp आपके मैसेज एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रखता है ताकि आप और जिससे बात हो रही है, वही व्यक्ति मैसेज पढ़ सकें. इसके बीच कोई तीसरा व्यक्ति इसे एक्सेस नहीं कर सकता है.
यहां तक कि WhatsApp भी इसे एक्सेस नहीं कर सकता है. यह जानना महत्वपूर्ण है कि WhatsApp पर साइन इन के लिए मोबाइल नंबर की जरूरत होती है. WhatsApp के पास आपके मैसेज कॉन्टेन्ट का एक्सेस नहीं होता है.’
प्रवक्ता ने NDTV से बातचीत में कहा कि हम ऑपरेटिंग सिस्टम मैनुफैक्चरर द्वारा उपलब्ध कराए गए ऑन-स्टोरेज गाइडलाइन को फॉलो करते हैं. हम लोगों में इस बात को भी बढ़ावा देते हैं कि वो ऑपरेटिंग सिस्टम के सभी सिक्योरिटी फीचर्स का इस्तेमाल करें. इसमें मजबूत पासवर्ड या बायोमेट्रिक आईडी आदि शामिल है, ताकि कोई थर्ड पार्टी इसे एक्सेस नहीं कर सके.
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क्या मोबाइल फोन क्लोनिंग के जरिए एक्सेस किए गए चैट्स?
कुछ लोगों का मानना है कि इन मैसेजेज को मोबाइल फोन क्लोनिंग (Mobile Phone Cloning) के जरिए एक्सेस किया गया है. 2005 से ही फोन क्लोनिंग का चलन है. इसमें एक क्लोन्ड फोन व्हाट्सऐप बैक-अप चैट को एक्सेस कर सकता है. बैक-अप चैट जहां भी स्टोर होता है, वहां एनक्रिप्टेड नहीं होता है.
क्या होता है क्लोनिंग और कैसे काम करता है?
दरअसल, क्लोनिंग एक ऐसा तरीका है जिसमें टार्गेट फोन का डेटा और सेलुलर पहचान को नये फोन में कॉपी कर लिया जाता है. वर्तमान में यह काम एक ऐप के जरिए हो जाता है. इसके लिए टार्गेट फोन को एक्सेस करने की जरूरत भी नहीं होती है.
इस प्रोसेस में इंटरनेशनल मोबाइल स्टेशन इक्विपमेंट आइडेंटिटी (IMEI) नंबर को भी ट्रांसफर किया जा सकता है. हालांकि, किसी भी व्यक्ति या अथॉरिटी के लिए इसका इस्तेमाल करना वैध नहीं है. किसी भी अथॉरिटी को ऐसे डेटा एक्सेस करने के लिए फॉरेन्सिक तरीके का इस्तेमाल करना होता है.
बता दें कि ड्रग्स मामले की जांच में दीपिका पादुकोण और श्रद्धा कपूर के अलावा रकुलप्रीत सिंह और सारा अली खान का भी नाम सामने आया है. रकुलप्रीत फिलहाल NCB की दफ्तर में जांच के लिए पहुंच चुकी हैं.
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