नई दिल्ली।कर्मचारी चयन आयोग, यूपीएससी, आरएलवी भर्ती बोर्ड जैसे सरकारी एजेंसियों के माध्यम से समान्य भर्तियां पहले की तरह ही जारी रहेंगी। मंत्रालय ने यह भी कहा कि 4 सितंबर 2020 को जारी मंत्रालय के व्यय परिपत्र पदों के निर्माण के लिए आंतरिक प्रक्रिया से संबंधित है।
सरकार ने साफ किया है कि नौकरियों की भर्ती पर कोई पाबंदी नहीं है। जी हां केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सफाई दी है कि भारत सरकार के किसी भी पदों को भरने पर कोई भी पाबंदी नहीं है।
ममनयह किसी भी तरह से भर्ती को न तो प्रभावित करता है और न ही रद्द करता है। बता दें कि वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने इस सर्कुलर में कहा था कि , ‘मौजूदा राजकोषीय स्थिति तथा सरकार के संसाधनों पर दबाव को देखते हुए गैर-प्राथमिकता वाले खर्चों को कम करने और तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। ताकि प्राथमिकता वाले खर्च के लिए संसाधन सुनिश्चित किए जा सकें।’
इस खबर को लेकर राहुल गांधी ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार की सोच न्यूनतम सरकारी और अधिकतम निजीकरण की योजना की है। उन्होंने आगे लिखा कि कोविड तो बस बहाना है, सरकारी दफ़्तरों को स्थायी ‘स्टाफ़-मुक्त’ बनाना है, युवा का भविष्य चुराना है, ‘मित्रों’ को आगे बढ़ाना है।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे में भारी वृद्धि की आशंका के कारण सभी मंत्रालयों/विभागों से गैर- जरूरी खर्चों को कम करने को कहा था। इसमें मंत्रालयों से परामर्शकों की नियुक्ति की समीक्षा करने, आयोजनों में कटौती करने और छपाई के लिए आयातित कागत का इस्तेमाल बंद करने की सलाह दी थी। इसी के बाद सरकारी नौकरियों पर प्रतिबंध होने की अफवाह शुरू हुई।
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