
सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
डब्लूएचओ (WHO) की यह रिपोर्ट ऐसे वक्त में आई है जब दिल्ली सरकार (Delhi Government) यह आरोप लगा रही है कि यूपी में कोरोना के टेस्ट नहीं हो रहे हैं और वो दिल्ली में आकर करा रहे हैं.
लखनऊ. कोरोना वायरस (COVID-19) संक्रमण से बचाव में उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) की रणनीति को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सराहनीय बताया है. डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना पीड़ित मरीजों के सम्पर्क में आए 93 प्रतिशत लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर कोरोना की रफ्तार पर लगाम कसी है. कोविड-19 बचाव के लिए यूपी सरकार ने जो कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की रणनीति अपनाई है, वह दूसरे प्रदेशों के लिए नजीर बन सकती है. सभी प्रदेशवासियों के इस सहयोग की सराहना करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने यह रिपोर्ट मीडिया में पेश की है.
यूपी में कोरोना के 474054 केस
डब्लूएचओ की रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शुरुआत से ही ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार यूपी में कोरोना के अब तक 474054 कुल केस आए हैं. देश की जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़ा प्रदेश होने के बावजूद कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए यूपी सरकार ने जो कदम उठाए हैं, वह दूसरी सरकारों के लिए सीख है.
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उत्तर प्रदेश सरकार ने डब्लूएचओ के साथ मिल कर कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए बड़े स्तर पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की प्रक्रिया को शुरू किया था. डब्लूएचओ के साथ मिलकर कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए यूपी के 75 जिलों में 800 चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती की, जिन्होंने 1 से 14 अगस्त के बीच 58 हजार लोगों की जांच की.
फ्रंट लाइन पर काम कर रहे 70000 स्वास्थ्य कार्यकर्ता
उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य निगरानी अधिकारी डॉ. विकासेंदु अग्रवाल का कहना है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में 70000 से अधिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता फ्रंट लाइन पर काम कर रहे हैं. जो इस बीमारी से ग्रस्त अत्यंत गंभीर मरीजों तक पहुंच रहे हैं. कोविड संक्रमित मरीजों के सम्पर्क में आए लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर रहे हैं. इसी वजह से संक्रमण की रफ्तार धीमी हुई है. डब्लूएचओ की मेडिकल अधिकारियों ने यूपी सरकार की ओर से की जा रही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की निगरानी की थी. इसके बाद डब्लूएचओ ने सरकार के प्रयासों की सराहना की है.
ऐसे निगाह रख रही थी डब्लूएचओ की टीम
राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी परियोजना ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से तैयार की गई 800 चिकित्सा अधिकारियों की प्रशिक्षित टीम ने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, टेलीफोनिक साक्षात्कार, सर्वे और कोरोना संक्रामित मरीज के परिवार की जांच कराने के साथ उनसे लगातार सम्पर्क बनाए रखा. कोरोना संक्रमण के विश्लेषण के लिए राज्य कार्यालय में दैनिक डेटा एकत्र किया गया. सरकार के साथ संक्रमण की रफ्तार को लेकर नियमित समीक्षा की गई और डेटा को साझा किया गया.
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