अवैध कालोनियों पर कार्यवाही को लेकर जिम्मेदारों की चुप्पी..

अवैध कालोनियों
चित्र- प्रतिकात्मक

सनावद। नगर में बिना डायवर्सन टीएनसी, कॉलोनाइजर पंजीयन, विकास अनुमति और आवश्यक स्वीकृति के बगैर बनी हुई अवैध कालोनियों की विगत दिनों हुए सर्वे में पाई गई अवैध कॉलोनी की संख्या जो  31 दिसंबर 2016 से पूर्व बनी हुई,सनावद की ऐसी 26 से अधिक सूचीबद्ध अवैध कालोनियों को शासन स्तर पर वैध करने की शुरुआत 2018 से प्रारंभ हुई है।

जो निराकरण प्रक्रिया में शासकीय पेचीदगियों से होते हुए फिलहाल लगभग 2 महीने से सनावद नगर पालिका द्वारा पुलिस थाने में दिए जाने वाले जिन आवेदनो की वजह से लंबित हो रही है।वह आवेदन मप्र नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 ग में अधिकथित उपबंधों के अनुसार पुलिस थाने में एफ आई आर दर्ज कराने के संबंध में है।

बावजूद इस प्रक्रिया में‌ हो रही देरी पर नगरपालिका के जिम्मेदारों की चुप्पी चौंकाने वाली रही है, जबकि नगर की लगभग 35% आबादी को अवैध कॉलोनियों के दर्द से निजात दिलाने दिशा में यह प्रक्रिया कानूनी तौर पर अहम भूमिका रखती है।

अवैध कॉलोनियों का दर्द

अवैध कॉलोनी निवासियों का दर्द है, नगर पालिका से सड़क, नल और बिजली विभाग की बिजली सुविधा तो नेताओं और अधिकारियों के प्रसाद से किसी तरह मिल जाती है।लेकिन बैंक से लोन सुविधा नहीं मिलती। वही भूखंड पर निर्माण के लिए नक्शा स्वीकृत नहीं होता। सनावद की ऐसी सूचीबद्ध अवैध कालोनियां मे कई बसावट ऐसी है जहां ना तो बगीचे के लिए जगह है और ना ही वहां आवागमन के लिए ।ऐसे में अवैध कालोनियों के रहवासी बुनियादी सुविधाओं के ‌साथ मूलभूत जरूरतों के दर्द से पीड़ित हैं ।

2018 में 26 सूचीबद्ध हुई थी अवैध कॉलोनियां

31 दिसंबर 2016 तक अस्तित्व में आई नगर की 26 अवैध कालोनियों को सूचीबद्ध किया गया था। इस सूची को नगर पालिका द्वारा 2018 मे अधिसूचना के लिए खरगोन जिला प्रशासन को भेजा गया था ।उनमें दरबार कॉलोनी, गायत्री कॉलोनी, वैष्णव कॉलोनी, न्यू जैन कॉलोनी, पंडित कॉलोनी, दस्साणी कॉलोनी, नर्मदा विहार कॉलोनी,

न्यू सोलंकी कॉलोनी, एरन कॉलोनी, साद कॉलोनी, सोलंकी कॉलोनी, गहलोद कॉलोनी (माली काॅलोनी) बैंक कॉलोनी, प्रयाग पार्क कॉलोनी प्रयाग पार्क के पीछे, न्यू नर्मदा विहार कॉलोनी, कंचन बाग कॉलोनी, पारिख कॉलोनी, अयोध्या बस्ती कॉलोनी, कासम कॉलोनी, बाहेती कॉलोनी, अड़वाल कॉलोनी, एमडी जैन कॉलोनी, धन्नी नगर, भैरव कॉलोनी (श्री कुंज विहार कॉलोनी) और चांदनीपुरा शामिल रही है। जगदीश गोयल ने बताया नगरीय निकाय से कॉलोनाइजर के खिलाफ कोई आवेदन नहीं मिला है।

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