नई दिल्ली। शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखे एक लेख में लिखा कि अगर कांग्रेस पार्टी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण मिला है तो इसके नेताओं को कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए। राम मंदिर निर्माण के बाद अब जल्द ही मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन होगा।
ऐसे में जब पूरा देश राममय हो रहा है तो राजनीतिक पार्टियों में भी खुद को हिंदू बताने की होड़ मची हुई है। कांग्रेस अपने धर्मनिरपेक्ष स्टैंड के चलते कहीं ना कहीं असमंजस में दिख रही है। ऐसे हालात में शिवसेना (यूबीटी) अपनी सहयोगी पार्टी कांग्रेस के बचाव में उतर आई है।
शिवसेना (यूबीटी) कहना है कि कांग्रेस पार्टी की आत्मा हिंदू है और पार्टी के नेताओं को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाना चाहिए। शिवसेना (यूबीटी) ने दावा किया कि कांग्रेस ने कभी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध नहीं किया। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी मानते थे कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए।
राजीव गांधी के निर्देशों पर ही दूरदर्शन पर प्रसिद्ध रामायण धारावाहिक का प्रसारण किया गया था। शिवसेना ने भाजपा पर निशाना साधते हुए लिखा कि जब बाबरी विध्वंस हुआ था, अगर उस समय कोई भाजपा का प्रधानमंत्री होता तो बाबरी विध्वंस होता ही नहीं।
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