Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई छठे दिन में पहुंच गई है. दुनिया भर में युद्ध ख़त्म करने और शांति स्थापित करने की अपीलें हो रही हैं. संयुक्त राष्ट्र में युद्ध को रोकने के लिए पूरी कोशिश हो रही है.रूस के ख़िलाफ़ पश्चिम के देश एकजुट हो रहे हैं. कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं रूस पर. आइए जानते हैं 28 फ़रवरी का घटनाक्रम क्या रहा.
28 फ़रवरी का घटनाक्रम (Russia-Ukraine War)
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के पांचवें दिन युद्ध में और तेज़ी देखी गई. हालांकि यह अलग बात है कि एक ओर जहां लड़ाई जारी थी वहीं बेलारूस में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच बातचीत हुई. यह बैठक पांच घंटे तक चली.
इसके अलावा रूस, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अलग-थलग पड़ता जा रहा है. एक नज़र युद्ध के पांचवें दिन की महत्वपूर्ण घटनाओं पर-
दर्जनों लोग रूस के हमले में मारे गए
यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि युद्ध के पांचवें दिन रूसी आक्रमण में दर्जनों आम लोग मारे गए हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन के दूसरे महत्वपूर्ण शहर ख़ारकीएव पर सोमवार को रॉकेट से हमला किया गया.
सोशल मीडिया पर हमले के कई वीडियो वायरल हुए हैं. ख़ारकीएव की आबादी 14 लाख है. रॉकेट से हमले में सैकड़ों लोगों के घायल होने की भी ख़बर है. हालांकि रूस ने किसी भी रिहायशी इलाक़े को निशाना बनाने से इनक़ार किया है.
इस बीच, बेलारूस में रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधियों ने बातचीत की. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने बेलारूस के समाचार बेल्टा के हवाले से लिखा है कि आने वाले दिनों में होने वाली बैठक के दूसरे दौर से पहले दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल अपने-अपने देशों की राजधानी लौट गए हैं.

युद्ध ने लोगों को जोड़ने का काम किया है
Russia-Ukraine War-मध्य कीएव में अंडरग्राउंड हो चुके और डर के बीच शहर में रह रहे लोगों के लिए ज़िंदगी हमलों के बीच कहीं खो सी गई है. अंडरग्राउंड मेट्रो अब एक घंटे में एक या फिर दो घंटे में एक ट्रेन का संचालन कर रहा है.
लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि इस युद्ध ने लोगों को एकता में बांधने का काम किया है. यूक्रेन के गृह मंत्री डेनिस मोनास्टिर्सकी ने देश में जारी युद्ध और मौजूदा हालात पर बीबीसी से बात की.
उन्होंने कहा, “हां, वास्तव में दुश्मन हर रोज़ और अधिक सेना भेजता है. लेकिन हमारे सैनिक हर उस चीज़ को बर्बाद कर रहे हैं जो कीएव और दूसरे शहरों की ओर बढ़ रही है. हालांकि कीएव अभी भी हमले का मुख्य केंद्र बना हुआ है.”
उन्होंने कहा, “हम तोड़फोड़ करने वालों को खोजने और पकड़ने के लिए मोबाइल समूह बना रहे हैं. हमारे पास कीएव में ऐसे 100 समूह हैं. आप शहर में गोलियों की आवाज़ सुन सकते हैं.”
शरणार्थी संकट
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि चार लाख से अधिक लोगों ने यूक्रेन छोड़ा है और यूक्रेन से लोगों के पलायन का सिलसिला जारी है. बड़ी तादाद में लोग पड़ोसी देशों में घुसने की कोशिश कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर ने कहा है कि यूक्रेन में लोगों को ट्रेनों पर चढ़ने से रोका जा रहा है. यूएनएचसीआर की एक प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा है कि एजेंसी इस रिपोर्ट को देख रही है. अब तक यूक्रेन से 4,22,000 लोग पड़ोसी देशों में पलायन कर गए हैं.
प्रवक्ता ने कहा, ”यूएनएचसीआर दूसरे देशों में पलायन करने वाले लोगों को शरणार्थी मानता है.” यूएनएचसीआर ने कहा, ”अकेले यूक्रेन में अब तक एक लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं. ”
ब्याज दर बढ़ी
यूक्रेन पर हमले के बाद रूस के बैंकों पर यूरोपीय देशों के प्रतिबंधों का असर अब दिखने लगा है. इस बीच रूस के सेंट्रल बैंक ने अपनी ब्याज दर में बड़ी बढ़ोतरी की है.
रूस के सेंट्रल बैंक ने ब्याज दर को 9.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है.पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों की वजह से रूस की मुद्रा रूबल के गिरते दामों और महंगाई पर लगाम कसने के इरादे से ये क़दम उठाया गया है.
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, मॉस्को ने कंपनियों को अपने विदेशी मुद्रा राजस्व का 80% बेचने का भी आदेश दिया है. सेंट्रल बैंक ने एक बयान में कहा है, “रूसी अर्थव्यवस्था की बाहरी परिस्थितियां बहुत ज़्यादा बदल गई हैं.”
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यूक्रेन का दावा- अब तक 5000 रूसी सैनिक मारे गए
यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसके देश की सेना ने अब तक 5000 रूसी सैनिकों को मारा है.यूक्रेनी अधिकारियों ने फ़ेसबुक पोस्ट के ज़रिये कहा है कि पिछले चार दिन की लड़ाई में 5,300 रूसी सैनिकों को मारा गया है.
दावे के मुताबिक़ रूस के 191 टैंकर, 29 लड़ाकू विमान, 29 हेलिकॉप्टर और सैनिकों को ले जाने वाली 816 हथियारबंद गाड़ियों को ध्वस्त कर दिया गया है.यूक्रेन पर रूस के हमले के पांचवें दिन भी देश में कई शहर हाई अलर्ट पर रहे.
यूक्रेनी सेना ने सोमवार को बताया कि रूसी जवानों ने राजधानी के बाहरी इलाक़ों पर हमले की कई कोशिशें कीं, लेकिन वो इस पर क़ब्ज़े में नाकाम रहे.
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राजधानी कीएव की ओर बढ़ रहा है रूसी सेना का एक विशाल काफ़िला
हाल ही में जारी सैटेलाइट तस्वीरों में साफ़ नज़र आ रहा है कि रूसी सेना का एक विशाल काफ़िला राजधानी कीएव की ओर आगे बढ़ रहा है.यूक्रेन में ये तस्वीरें सोमवार दोपहर से पहले ली गई थीं.
इन तस्वीरों में साफ़ दिखाई दे रहा है कि रूस की सेना राजधानी कीएव से लगभग 27 किलोमीटर दूर एंटोनोव हवाई अड्डे के पास तक पहुंच चुकी है.
तस्वीरें जारी करने वाली सैटेलाइट-इमेजिंग कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजीज़ के अनुसार, इस काफ़िले में “सैकड़ों बख़्तरबंद वाहन, टैंक, तोपखाना और रसद सामग्री लेकर चलने वाले वाहन शामिल हैं.”
यूक्रेन पर रूस के हमले की जांच करेगा इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट
यूक्रेन पर रूस के कथित युद्ध अपराध की अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय यानी आईसीसी जांच करेगा.
आईसीसी के अभियोजक करीम एए ख़ान ने कहा कि यह बात स्वीकार करने का एक मज़बूत और तार्किक आधार है कि यूक्रेन में कथित युद्ध अपराध और मानवता के ख़िलाफ़ अपराध, दोनो ही हुए हैं.
फ़ीफ़ा ने रूस पर लगाए बेहद सख़्त प्रतिबंध
यूक्रेन पर रूस के हमले का विरोध करते हुए अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल गवर्निंग बॉडी फ़ीफ़ा ने और यूरोप की गवर्निंग बॉडी यूएफ़ा ने रूस के फ़ुटबॉल क्लब्स और नेशनल टीम को सभी प्रतियोगिताओं से निलंबित कर दिया है.
फ़ीफ़ा की ओर से यह क़दम इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (आईओसी) के इंटरनेशनल स्पोर्ट्स फ़ेडरेशन से रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों पर पाबंदी लगाने की सिफ़ारिश के बाद उठाया गया है.
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फ़ीफ़ा के इस फ़ैसले का असर यह होगा कि रूस की पुरुष टीम अगले महीने अपने विश्व कप प्ले-ऑफ़ मैच नहीं खेल पाएगी. महिला टीम को भी आने वाले महीनों में होने जा रहे समर-यूरोपियन चैम्पियनशिप के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है.
इसके अलावा कनाडा ने रूस से कच्चे तेल के आयात को प्रतिबंधित कर दिया है. ऐसा करने वाला कनाडा जी-7 देश का पहला सदस्य देश है.
27 फ़रवरी का घटनाक्रम
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से यूरोपीय संघ ने यूक्रेन को लेकर ऐतिहासिक क़दम उठाए हैं. यूरोपीय संघ ने घोषणा की है कि वह यूक्रेन को जल्दी ही हथियार मुहैया कराना चाहता है.
यूक्रेन को हथियार मुहैया कराने का यह फ़ैसला अपने आप में काफ़ी अहम है. यह पहला मौक़ा है जब ईयू ने इस तरह का कोई क़दम उठाया है.
यूरोपीय संघ के सख़्त क़दम
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वोन देर लेयेन ने कहा कि यह एक इतिहास बदलने वाला समय है.
इसके साथ ही उन्होंने रूस और बेलारूस को लक्षित करने वाले नए प्रतिबंधों की भी घोषणा की. उन्होंने रूस के लिए यूरोपीय एयर स्पेस को भी प्रतिबंधित करने की घोषणा की.
यूरोपीय संघ ने रूस पर कुछ और नए और पहले से कहीं अधिक सख़्त प्रतिबंध लगाए हैं. इन घोषणाओं के दौरान लेयेन ने यह भी कहा कि यह पहला मौक़ा है जब ईयू किसी हमले से जूझ रहे देश में हथियारों की ख़रीद और उसकी सप्लाई का ख़र्च उठाएगा.
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रूस के सभी विमानों को यूरोप के हवाई क्षेत्र में प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसका मतलब यह हुआ कि अब से रूस के विमान यूरोपीय संघ के क्षेत्र में उतरने, उड़ान भरने के लिए मान्य नहीं होंगे.
उन्होंने कहा कि ये प्रतिबंध रूस के कुलीन वर्ग के निजी जेट विमानों पर भी लागू रहेगा.इसके अलावा रूस के सरकारी मीडिया जैसे रशिया-टुडे और स्पूतनिक और उनकी अन्य कंपनियों को लेकर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं.
उन्होंने कहा, “हम एक ऐसा टूल विकसित कर रहे हैं जो यूरोप में ग़लत और आक्रामकता फैलाने वाली ख़बर को बैन कर देगा.” रूस के साथ-साथ बेलारूस पर लगे प्रतिबंधों को और सख़्त करने का फ़ैसला लिया गया है.
शरणार्थियों के लिए यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने खोले द्वार
यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने यूक्रेन के शरणार्थियों को तुरंत राहत देते हुए शरण देने पर सहमति जताई है. शरण लेने के लिए उन्हें कागज़ात से जुड़ी औपचारिकताएं करने से राहत दी गई है.
जर्मनी के गृहमंत्री ने यह घोषणा करते हुए कहा कि यूरोपीय संघ के सभी सदस्य देशों ने इस बात पर सर्वसम्मति जताई है कि वे यूक्रेन के शरणार्थियों को तीन साल के लिए शरण देंगे.
ख़ास बात यह है कि इसके लिए शरणार्थियों को पहले आवेदन करने की ज़रूरत नहीं होगी. यूक्रेन पर हमले के कारण लाखों की संख्या में यूक्रेन के लोग देश छोड़कर पड़ोसी देशों और दूसरे देशों में शरण ले रहे हैं.
पुतिन का ‘न्यूक्लियर अलर्ट’
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी सेना को आदेश दिया है कि वो न्यूक्लियर फ़ोर्सेज़ को स्पेशल अलर्ट पर रखें. रूस की स्ट्रैटेजिक मिसाइल फ़ोर्सेज़ के लिए ये सबसे बड़ा अलर्ट है.
अमेरिका ने इस पर प्रतिक्रिया दी है और इसे ‘अस्वीकार्य क़दम’ बताया है.
इसके पहले पुतिन ने रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू और सेना के दूसरे शीर्ष अधिकारियों से बात करते हुए कहा कि पश्चिमी देशों ने रूस के साथ ‘दोस्ताना बर्ताव नहीं’ किया और उन पर ‘ग़लत तरह से प्रतिबंध लगा दिए.’
रूस के इस क़दम को नेटो देशों की प्रतिक्रिया के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है.
रूस के राष्ट्रपति पुतिन के इस क़दम को भविष्य की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन बीबीसी के रक्षा संवाददाता गॉर्डन कोरेरा का कहना है कि ये रूस का परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का संकेत देने के बजाए नेटो को चेतावनी देने का एक तरीका लगता है.
पुतिन ने बीते सप्ताह भी चेतावनी दी थी, ”जो भी हमें रोकने की कोशिश करेगा उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.”
वहीं, अमेरिका ने इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया दी है. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की प्रतिनिधि लिंडा थॉमस ग्रीनफ़ील्ड ने ‘सीबीएस न्यूज़’ से कहा कि यह ‘बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जाएगा.’
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की बातचीत के लिए तैयार
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्ज़ेंडर लुकाशेंको से रविवार दिन में हुई बातचीत के बाद एक बयान जारी किया है.
इस बयान के मुताबिक़, ”हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि यूक्रेन का प्रतिनिधि मंडल रूसी प्रतिनिधि मंडल से बिना किसी शर्त यूक्रेन-बेलारूस सीमा पर प्रिपयात नदी के किनारे मिलेगा.”
”एलेक्ज़ेंडर लुकाशेंको ने यह ज़िम्मेदारी ली है कि जब यूक्रेन का प्रतिनिधिमंडल बातचीत के लिए जाएगा, बातचीत करेगा और वापस लौटेगा, तब तक सभी विमान, हेलिकॉप्टर और मिसाइल बेलारूस की सीमा पर रहेंगे.”
ज़ेलेंस्की ने पहले कहा था कि रूसी प्रतिनिधि मंडल से वो बेलारूस में नहीं मिलेंगे क्योंकि रूस ने बेलारूस के कुछ हिस्सों से यूक्रेन पर हमला किया था.
यूक्रेन खारकीएव से रूसी सेना को बाहर खदेड़ने का दावा किया
उत्तर पूर्वी यूक्रेन के खारकीएव शहर के क्षेत्रीय प्रशासनिक प्रमुख ने बताया कि स्थानीय सेनाओं ने रूस के सैनिकों के ख़िलाफ सड़कों पर जंग लड़ने के बाद शहर पर फिर से पूरी तरह नियंत्रण कर लिया है.
सोशल मीडिया पर एक संदेश में खारकीएव के गवर्नर ओलेग सिनेगुबोव ने कहा कि यूक्रेनी सेना ने रूसी सेना को शहर के बाहर खदेड़ दिया है.
इससे पहले रविवार सुबह से ही रूसी सेना के खारकीएव में प्रवेश की ख़बरें आनी शुरू हो गई थीं. साथ ही अलग-अलग स्रोतों से ये भी पता चला था कि रूसी सेना को यूक्रेन की सेना और स्थानीय लड़ाके ज़बर्दस्त टक्कर दे रहे हैं.
खारकीएव यूक्रेन का दूसरा बड़ा शहर है और यहां यूक्रेन की सेना को मिली ये छोटी सी कामयाबी, उसका हौसला बढ़ा सकती है. लेकिन ये संभव है कि रूस की सेना अधिक बड़ी संख्या में आकर, खारकीएव पर एक बड़ा हमला कर सकती है.
यूक्रेन की मदद के लिए जर्मनी ने बदली नीति
जर्मनी ने यूक्रेन को लेकर अपनी नीति में बड़े बदलाव किए हैं. जर्मनी यूक्रेन के लिए हथियार भेजेगा. जर्मनी के चांसलर ओलाफ़ शल्ट्स ने इसकी पुष्टि की है.
उन्होंने कहा कि जर्मनी एक हज़ार एंटी-टैंक हथियार और पांच सौ ज़मीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें यूक्रेन को भेजेगा.
जर्मनी, यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा कर चुका है और इसी क्रम में उसने संघर्ष या युद्ध क्षेत्रों में हथियारों के निर्यात पर प्रतिबंध वाली अपनी पुरानी नीति में परिवर्तन किए हैं.
एक के बाद एक देश यूक्रेन को हथियार के लिए मदद करते दिख रहे हैं. ताज़ा नाम ऑस्ट्रेलिया का है जिसने कहा है कि वो रूस के ख़िलाफ़ यूक्रेन को हथियार ख़रीदने के लिए फ़ंड देगा. ऑस्ट्रेलिया ने ये फ़ैसला ऐसे समय में किया है जब जर्मनी ने अपनी नीति को बदलते हुए यूक्रेन को हथियार देने का फ़ैसला किया है.
26 फ़रवरी का घटनाक्रम
शनिवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करने वाला प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सका था. रूस ने अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए इसे रोक दिया.
इसके कुछ देर बाद ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने यूक्रेन में हमला कर रहे रूसी सैनिकों से वापस अपने बैरक में लौटने की अपील की थी. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “हमें हार नहीं माननी चाहिए, हमें शांति स्थापित करने के लिए एक और मौक़ा देना चाहिए. सैनिकों को अपने बैरक में लौटने की ज़रूरत है. साथ ही नेताओं को शांति बनाए रखने की और बातचीत के रास्ते पर आगे बढ़ने की ज़रूरत है.”
सड़कों पर छिड़ी जंग
रूस की सेना यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीएव में घुस चुकी है. एक स्थानीय अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है. शहर में भीषण धमाके की आवाज़ भी सुनी गई, ऐसा कहा जा रहा है कि गैस पाइपलाइन को निशाना बनाया गया है.
फिलहाल, खारकीएव में सड़क पर जंग छिड़ने की ख़बर है. खारकीएव के आवासीय इलाक़ों को भी निशाना बनाया गया है. एक 9 मंज़िला इमारत से लोगों को बाहर निकालने और एक महिला की मौत की भी ख़बर है.
शनिवार को यूक्रेन की राजधानी कीएव में स्थानीय समयानुसार शाम 5 बजे से सुबह 8 बजे तक नए सिरे से कर्फ़्यू लगा दिया गया. यहां सड़कों पर जंग छिड़ गई है. शनिवार सुबह राजधानी कीएव में भारी गोलीबारी की आवाज़ें सुनी गई थी. कीएव में प्रशासन ने कहा , “हमारे मुख्य शहर की सड़कों पर फिलहाल जंग शुरू हो चुकी है.”
कीएव के मेयर विताली क्लित्श्को ने ट्विटर पर नए कर्फ़्यू का एलान करते हुए चेतावनी दी, “कर्फ़्यू के दौरान रास्ते पर नज़र आने वाले कोई भी शहरी दुश्मन की तोड़फोड़ करने वाले समूह का सदस्य समझा जाएगा.”
कीएव के आसपास कई धमाके सुने गए. कीएव से 30 किलोमीटर दूर वासिलकीव ऑयल टर्मिनल को मिसाइल से निशाना बनाया गया है. कीएव के प्रशासन ने चेतावनी दी है कि ऑयल टर्मिनल में हमले की वजह से आग लग गई है और यहां से ज़हरीला धुआं निकल रहा है, इसलिए सभी लोग अपने घरों की ख़िड़कियां बंद रखें.
यूक्रेन के दक्षिण में स्थित शहर नोवा काखोवका पर रूस की सेना ने क़ब्ज़ा कर लिया है. शहर के मेयर ने इस बात की जानकारी दी है.
ज़ेलेंस्की देते रहे पूरे दिन की जानकारी
शनिवार को भी रूस के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की अपने हर एक कदम की जानकारी साझा कर रहे थे. उन्होंने एक वीडियो संदेश भी जारी किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि उनकी सेना ने रूस की उस योजना को नाकाम कर दिया जिसमें पिछली रात उन्हें पकड़कर उनकी जगह वो अपने नेता को बिठाना चाहते थे.
ज़ेलेन्स्की ने इस संदेश में कहा, “हमने उनका प्लान बेकार कर दिया.” उन्होंने कहा कि यूक्रेन की सेनाओं का राजधानी कीएव और उसके आस-पास के मुख्य शहरों पर पूरा नियंत्रण है और यूक्रेन के हर शहर में रूसी सैनिकों को कड़ी टक्कर मिल रही है.
पश्चिमी देशों और रूस के बीच क्या-क्या हुआ?
पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के ऐलान के बाद रूस की तरफ़ से भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. रूस के पूर्व राष्ट्रपति दमित्री मेद्वदेव का कहना है कि उनके देश को पश्चिमी देशों के साथ कूटनीतिक संबंध बनाए रखने की कोई ज़रूरत नहीं है.
इस बीच जर्मनी की ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर ने कहा है कि वो अपने हवाई क्षेत्र में रूसी एयरलाइंस को रोक देंगी. इससे पहले एस्टोनिया, पोलैंड, बुल्गारिया और चेक रिपब्लिक ने भी इसी तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. रूस भी कई देशों पर ऐसे ही प्रतिबंध अपनी तरफ़ से लगा रहा है.
यूरोपीय संघ, अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों ने इंटरनेशन पेमेंट सिस्टम स्विफ़्ट से कई रूस के बैंकों को अलग कर दिया है. वो रूस के सेंट्रल बैंक के एसेट्स को भी फ्ऱीज करेंगे.
एक के बाद एक देश यूक्रेन को हथियार के लिए मदद करते दिख रहे हैं. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वो जेवलिन एंटी-टैंक मिसाइल, एंटी-एयरक्राफ़्ट सिस्टम समेत 350 मिलियन डॉलर के हथियार यूक्रेन को भेजेगा.
जर्मनी हज़ार एंटी-टैंक हथियार और पांच सौ जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें यूक्रेन को भेजेगा. नीदरलैंड 50 एंटी टैंक हथियार और 400 रॉकेट यूक्रेन को देगा. नेटो पूर्वी यूरोप में और अधिक सेना की तैनाती शुरू कर चुका है.
उस कड़ी में ताज़ा नाम ऑस्ट्रेलिया का है, जिसने कहा है कि वो रूस के ख़िलाफ़ यूक्रेन को हथियार ख़रीदने के लिए फंड देगा. ऑस्ट्रेलिया ने ये फ़ैसला ऐसे समय में किया है, जब जर्मनी ने अपनी नीति को बदलते हुए यूक्रेन को हथियार देने का फैसला किया है.
ज़ेलेंस्की ने की पीएम मोदी से बातचीत
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर ज़ेलेंस्की ने ट्वीट कर बताया था कि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है.
उन्होंने लिखा है कि उन्होंने पीएम मोदी को रूस के हमले की जानकारी दी और बताया कि “100,000 से ज़्यादा हमलावर उनकी ज़मीन पर चले आए हैं और रिहाइशी इमारतों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर रहे हैं”.
उन्होंने साथ ही लिखा, “हम भारत से आग्रह करते हैं कि वो हमें सुरक्षा परिषद में राजनीतिक समर्थन दे. हम मिलकर हमलावर को रोकें.”
इस बीच यूक्रेन से भारतीय नागरिक दिल्ली पहुंच रहे हैं. बुडापेस्ट (हंगरी) से 240 भारतीय नागरिकों को लेकर ऑपरेशन गंगा के तहत तीसरी उड़ान दिल्ली के लिए रवाना हो चुकी है.
25 फ़रवरी को सुबह से ही यूक्रेन के कुछ शहरों से धमाकों की ख़बर सामने आने लगी थी. यूक्रेन की राजधानी कीएव में धमाके और एक रूसी जेट को गिराने की भी ख़बर सामने आई.
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कीएव पर हुए ”भीषण” मिसाइल हमलों की तुलना दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नाज़ी जर्मनी के हमले से की.
इस बीच यूक्रेन के नागरिक अलग-अलग जगहों पर शरण की तलाश में भटक रहे हैं. बड़ी संख्या में लोग पोलैंड और रोमानिया की सीमा से लगे इलाक़े की ओर बढ़ रहे हैं.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति उन्हें ख़त्म कर देना चाहते हैं लेकिन वो कीएव से नहीं जाएंगे. बाद में ज़ेलेंस्की ने एक वीडियो शेयर रूसी मीडिया की उन ख़बरों को अफ़वाह बताया, जिनमें कहा गया था कि ज़ेलेंस्की राजधानी छोड़कर भाग गए हैं.
अपने सलाहकारों और प्रधानमंत्री से घिरे ज़ेलेंस्की ने इस वीडियो में कहा “हम सभी यहां हैं. हम अपनी स्वतंत्रता, अपने देश की रक्षा कर रहे हैं और हम ऐसा करना जारी रखेंगे.”
कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से ज़ेलेंस्की ने की समर्थन की अपील
शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने एक के बाद एक कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बातचीत कर उन्हें रूस पर हमले रोकने के लिए दबाव बनाने के लिए कहा. साथ ही ये भी कहा कि रूस पर प्रतिबंधों को और सख़्त किया जाए.
ज़ेलेंस्की ने फ्रांस, स्वीडन, पोलैंड, कनाडा, अमेरिका जैसे देशों से बात कर उन्हें यूक्रेन के हालात की जानकारी दी और समर्थन की अपील की.
ज़ेलेंस्की ने यूरोपीय नेताओं पर निष्क्रियता का भी आरोप लगाया, उनका कहना था कि रूस को जिस तरह से जवाब दिया जाना था वैसा जवाब यूरोपीय देशों के नेताओं की तरफ़ से नहीं आ रहा है. उन्होंने यूरोपीय देशों के नागरिकों से अपील की कि वो यूक्रेन के समर्थन में प्रदर्शन करें और अपनी-अपनी सरकारों को रूस के ख़िलाफ़ कार्रवाई को मजबूर करें.
यूक्रेन में आम लोगों को थमाई गईं मशीनगन
शुक्रवार को ही यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने ये बताते हुए कि रूसी सेना राजधानी कीएव में घुस सकती है है, लोगों से सेना में शामिल होने की अपील की. यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय की तरफ़ से किए गए ट्वीट में लिखा गया कि सेना में शामिल होने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है, नाबालिग भी सेना में शामिल हो सकते हैं.
इसी के साथ यूक्रेन के गृह मंत्रालय की तरफ़ से बताया गया कि राजधानी पर रूसी हमले को देखते हुए कीएव में वॉलेंटियर्स को 18 हज़ार मशीनगनों को दिया गया है.
यूक्रेन के गृह मंत्रालय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पेट्रोल बम बनाने की जानकारी भी शेयर की और कीएव के लोगों से कहा गया कि वो रूसी सैनिकों पर जवाबी कार्रवाई करें.
यूक्रेन-रूस बातचीत को लेकर क्या कह रहे हैं?
एक तरफ़ सड़कों पर जंग छिड़ी हुई है, तो दूसरी तरफ़ रूस और यूक्रेन ने ये भी बताया कि दोनों ही बातचीत को तैयार हैं लेकिन इसके लिए दोनों की अपनी शर्तें हैं.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूस, बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में यूक्रेन के साथ बातचीत के लिए तैयार है. लेकिन ये बातचीत यूक्रेन को ‘न्यूट्रल स्टेटस’ घोषित करने को लेकर होगी, साथ ही उसे सेना की तैनाती को भी कम करना होगा.
वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन रूस के साथ युद्धविराम और शांति वार्ता करने के लिए तैयार है.
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का तर्क है कि यूक्रेन पर सैनिक कार्रवाई का उद्देश्य यूक्रेन के लोगों को दमन से मुक्त कराना है, ताकि यूक्रेन के लोग अपना भविष्य निर्धारित कर सकें.
शुक्रवार को लावरोफ़ ने पुतिन की कही बात को दोहराते हुए कहा कि रूस, यूक्रेन पर क़ब्ज़ा नहीं करना चाहता, बल्कि इसे ‘डिमिलिट्राइज़’ करना चाहता है. जब ये पूछा गया कि क्या रूस एक लोकतांत्रिक देश को गिरा देना चाहता है, लावरोव का कहना था कि इस देश (यूक्रेन) को लोकतांत्रिक नहीं कहा जा सकता.
कितने लोगों की हुई मौत, कितने जख़्मी?
दोनों देशों के बीच चल रहे इस युद्ध में 25 फरवरी तक कितने लोगों की मौत हुई है और कितने लोग जख़्मी हुए हैं, इसे लेकर अलग-अलग आंकड़े आए.
- यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि संघर्ष में 1,000 से ज़्यादा रूसी सैनिक मारे गए हैं.
- ब्रिटेन के आर्म्ड फ़ोर्सेज मिनिस्टर जेम्स हिपी ने सांसदों को बताया कि 450 रूसी सैनिक और 57 नागरिकों सहित कम से कम 194 यूक्रेन के लोगों की मौत हुई है.
- संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि यूक्रेन में हवाई हमलों में कम से कम 25 नागरिक मारे गए हैं और 102 घायल हुए हैं.
- रूस ने कहा कि उसने कीएव के पास एक प्रमुख हवाई क्षेत्र पर क़ब्ज़ा करते हुए 200 यूक्रेनी सैनिकों को “खत्म” किया है. रूस की तरफ़ से ही 13 और यूक्रेन के लोगों के मारे जाने की ख़बर है.
- गुरुवार को यूक्रेन ने कहा था कि उसके 40 से अधिक सैनिक मारे गए हैं, जबकि दर्ज़नों घायल हुए हैं.
इससे पहले क्या-क्या हुआ?
- गुरुवार सवेरे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन के ख़िलाफ़ सैन्य अभियान का आदेश देने के बीद तीन तरफ से रूसी सेनाएं यूक्रेन की ओर बढ़ने लगीं. अब तक मिली जानकारी के अनुसार सबसे अधिक संघर्ष की ख़बरें यूक्रेन के पूर्वी हिस्से से मिल रही हैं.
- यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने कहा है कि रूसी सेना के हमले के पहले दिन यूक्रेन में 137 नागरिकों की मौत हुई है. इनमें सैनिक और आम नागरिक शामिल हैं.
- यूक्रेन सीमा रक्षक सेवा (डीपीएसए) ने कहा है कि 18 से 60 साल के यूक्रेन के सभी पुरुषों के देश छोड़ कर जाने पर पाबंदी लगा दी गई है. ये अस्थायी रोक मॉर्शल लॉ लागू रहने तक लागू रहेगी.
- अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. दोनों ने रूस की मदद करने के लिए बेलारूस पर भी प्रतिबंध लगाए हैं.
- अमेरिका ने कहा, डॉलर में बिज़नेस करने की रूस की क्षमता को सीमित किया जाएगा. साथ ही रूसी बैंकों पर भी पाबंदिया लगाई जाएंगी.
- दुनिया की सात बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के संगठन जी7 देशों के नेताओं में सहमति बनी है कि वो डॉलर, यूरो, पाउंड और येन में बिज़नेस करने की रूस की क्षमता को सीमित करेंगे.
- यूरोपीय संघ के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि वह रूसी संपत्तियों को फ़्रीज़ करेंगे और यूरोपीय वित्तीय बाज़ारों में उसके बैंकों की पहुंच रोकेंगे.
- जो बाइडन ने कहा कि अमेरिकी सेना यूक्रेन में नहीं लड़ेगी, लेकिन नेटो के सदस्य देशों की रक्षा करेगी. नेटो के हज़ारों सैनिकों को पूर्वी यूरोप के संगठन के सदस्य देशों- लात्विया, इस्टोनिया, लिथुआनिया, पोलैंड और रोमानिया में तैनात किया गया है.
- यूरोपीय संघ के महासचिव जेंस स्टॉल्टनबर्ग ने बताया है कि नेटो ने अपने पूर्वी छोर पर 100 लड़ाकू विमानों को अलर्ट पर रखा है. हालांकि, नेटो ने कहा है कि उसकी यूक्रेन में सैन्य टुकड़ियां भेजने की योजना नहीं है.
- चेर्नोबिल के आसपास रूस और यूक्रेन की सेना के बीच जंग की ख़बरों के बीच अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी IAEA ने कहा है कि परमाणु ठिकानों की सुरक्षा को लेकर ‘अत्यधिक संयम’ बरतने की ज़रूरत है. एजेंसी ने कहा कि यूक्रेन ने उन्हें बताया है कि चेर्नोबिल के परमाणु केंद्र पर रूस ने कब्ज़ा कर लिया है.
- यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारक़ीएफ़ में स्थानीय लोगों ने बताया है कि यूक्रेन और रूसी सेना के बीच लगातार गोलाबारी से बहुमंजिला इमारतों में खिड़कियां कांप रही हैं.
- रूस ने यूक्रेन के सैन्य अड्डों से लेकर एयरपोर्ट पर हवाई हमले किए हैं. यूक्रेन की सेना ने दावा किया है कि उसने छह रूसी लड़ाकू विमानों को मार गिराया है. हालांकि, रूस ने दावा किया है कि उसने 70 सैन्य निशानों को नष्ट कर दिया है.
- यूक्रेन में कई लोग शरण लेने के लिए बड़े शहरों को छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. इसी कोशिश में हज़ारों लोग कीएफ़ छोड़ रहे हैं.
- यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने देशवासियों से कहा है कि वे देश की रक्षा करने के लिए तैयार रहें और उन्होंने हर इच्छुक व्यक्ति को हथियार देने का आश्वासन दिया है.
- रूस ने कहा है कि ये सैन्य अभियान कब तक चलेगा, ये इस पर निर्भर करता है कि ये कैसे आगे बढ़ता है, और उसे कीएफ़ की सैन्य क्षमताओं को ख़त्म कर देना चाहिए.
- पुतिन ने यूक्रेन पर हमले के फ़ैसले को सही ठहराते हुए कहा कि रूस की सुरक्षा के लिए उनके पास इसके सिवाय कोई और विकल्प नहीं था.
24 फ़रवरी का घटनाक्रम
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर रूस ने दक्षिण के अपने पड़ोसी देश यूक्रेन पर बड़े स्तर पर सैन्य हमला शुरू कर दिया.
रिपोर्ट ये आ रही हैं कि रूस अपने हमले में यूक्रेन के समूचे सैन्य बुनियादी ढांचों को निशाना बना रहा है. साथ ही रूसी सेना सभी संभव दिशाओं से यूक्रेन में घुस रही है.
अब तक हमें यूक्रेन पर रूस के इस हमले के बारे में जो कुछ भी पता है उसे हम यहां बता रहे हैं. पढ़ें-
पुतिन ने हमले का आदेश दिया
सबसे पहले गुरुवार (24 फ़रवरी 2022) को तड़के टीवी पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एक बयान प्रसारित हुआ. जिसमें उन्होंने यूक्रेन के पूर्वी डोनबास इलाक़े में ‘सैन्य कार्रवाई’ की घोषणा की. यहां रूसी भाषा बोलने वाले कई यूक्रेनी रहते हैं. इस इलाके कुछ हिस्सों पर 2014 से ही रूसी समर्थित विद्रोहियों का क़ब्ज़ा है.
पुतिन के इस बयान के प्रसारित होने के थोड़ी ही देर बाद यूक्रेन के सैन्य ठिकानों पर हमले की ख़बर आने लगी. पुतिन ने इस बयान में कहा कि रूस की यूक्रेन पर क़ब्ज़ा करने की कोई योजना नहीं थी, लेकिन ये कार्रवाई आत्मरक्षा में की जा रही है.
पुतिन ने अपने संबोधन में पूर्वी यूक्रेन में तैनात यूक्रेनी सैनिकों से आग्रह किया कि वो हथियार डाल दें और अपने घरों को लौट जाएँ.
साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि रूस के हमले के दौरान किसी भी बाहरी शक्तियों के हस्तक्षेप को तत्काल जवाब दिया जाएगा और आक्रमण को नष्ट कर दिया जाएगा.
समूचे देश में धमाकों की आवाज़ें सुनाई दीं
बीबीसी संवाददाता ने राजधानी कीएफ़ में और पूर्वी यूक्रेन में दोनेत्स्क के क्रामातोर्स्क इलाके में ज़ोरदार धमाकों की आवाज़ें सुनी.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने हमले की जानकारी देते हुए राष्ट्र के नाम एक वीडियो संदेश में कहा कि पुतिन ने यूक्रेन के ख़िलाफ़ पूरी तरह से चढ़ाई कर दी है. उन्होंने कहा कि रूस ने यूक्रेन के बुनियादी ढांचों पर मिसाइलें दागी है और बॉर्डर गार्ड पर भी हमले किए हैं.
हालांकि रूस के रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन के शहरों पर हमले से यह कहते हुए इनकार किया कि- वो सैन्य बुनियादी ढांचों, एयर डिफेंस और एयर फोर्स पर अपने उच्चस्तरीय सटीक हथियारों से हमले कर रहा है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में बताया कि पूरे यूक्रेन में मार्शल लॉ लागू कर दिया गया है.
वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा, “कोई दहशत नहीं है. हम मज़बूत हैं. हर बात के लिए तैयार हैं. हम हर किसी को हराएँगे, क्योंकि हम यूक्रेनी हैं.”
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि रूस की कार्रवाई यूक्रेन की अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि हमारी सीमाएं अभी भी पहले जैसी ही हैं और बनी रहेंगी क्योंकि रूस के बयानों से कोई फ़र्क नहीं पड़ता है.
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने इससे पहले लड़ाई रोकने की कोशिश करते हुए चेतावनी दी थी कि रूस यूरोप में एक “बड़ी लड़ाई शुरू कर सकता है”.
उन्होंने साथ ही रूस के नागरिकों से आग्रह किया था कि वो रूस के इस क़दम का विरोध करें.
हमले कहाँ हुए हैं
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अपने वीडियो बयान में यह विस्तार से बताया कि रूस ने यूक्रेनी सेना के बुनियादी ढाँचे और उनकी सीमा पर तैनात यूनिटों समेत हमला कहां कहां किया है.
अधिकारियों ने कहा है कि यूक्रेन की राजधानी कीएफ़ के अलावा निप्रो और खार्कीव में सेना मुख्यालयों, हवाई पट्टियों और सैन्य वेयरहाउसों पर हमले हुए हैं.
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा है कि रूस ने उनकी सीमा पर लगभग दो लाख सैनिकों और हज़ारों बख़्तरबंद गाड़ियों को तैनात कर रखा है.
टैंक और सेना यूक्रेन में घुसी
यूक्रेन ने बताया कि उसके पूर्वी, दक्षिण और उत्तर सीमाओं से टैंक और सेना घुस रही है. यूक्रेन के बॉर्डर गार्ड सर्विस (डीपीएसयू) ने बताया कि रूस का सैन्य दस्ता बेलारूस से यूक्रेन के उत्तरी चेर्निहाइव इलाके में और रूस से सुमी क्षेत्र घुस गया है.
बेलारूस लंबे समय से रूस का सहयोगी रहा है. विश्लेषकों इसे रूस का ‘क्लाइंट देश’ बताते हैं.लुहांस्क और खार्विक के साथ ही क्राइमिया के खेरसन क्षेत्र में भी रूसी सैन्य दस्ता पहुंच गया है.
डीपीएसयू ने बताया कि रूस ने सबसे पहले अपने टैंक से हमले किए जिसमें बॉर्डर गार्ड्स जख़्मी हुए हैं.एक अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि दक्षिण बंदरगाह शहर ओडेसा के पास भी ट्रूप मूवमेंट की रिपोर्ट्स आई हैं.क्राइमिया से यूक्रेन के खेरसन क्षेत्र में घुसती रूसी सेना
मौत की ख़बरें
यूक्रेनी पुलिस का कहना है कि रूसी सेना के हमले में कम से कम आठ लोग मारे गए हैं.
अधिकारियों का कहना है कि ओडेसा शहर के बाहरी इलाके पोडिल्स्क में एक सैन्य यूनिट पर हमले में छह लोगों की मौत और सात घायल हुए हैं. वहीं 19 लोग लापता हैं.
लोग खेतों से हो कर पूर्वी यूक्रेन के खारकीएफ़ इलाके को छोड़ कर जा रहे हैं
यूक्रेन में स्थिति कैसी है?
यूक्रेनी सेना ने एक बयान में “लोगों से शांत रहने और यूक्रेन की डिफेंस में भरोसा रखने” को कहा है.यूक्रेन की सेना का कहना है कि उसने रूस के पांच विमानों और एक हेलिकॉप्टर को मार गिराया है.
हालांकि रूसी रक्षा मंत्रालय ने इस बात से इनकार किया है कि उसका कोई एयरक्राफ्ट मार गिराया गया है.
यूक्रेन ने देश में मार्शल लॉ की घोषणा की है, जिसका मतलब ये है कि कुछ समय के लिए नियंत्रण सेना ने हाथों में है. साथ ही उसने रूस के साथ सभी कूटनीतिक संबंध भी तोड़ दिए हैं.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने रूस की जनता से इस हमले का विरोध करने का अनुरोध किया है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि यूक्रेन में हथियार बांटा जाएगा, जो भी उसे चाहता है ले सकता है.
इस बीच विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने पूरी दुनिया भर के देशों से रूस पर अंतरराष्ट्रीय स्विफ्ट बैंक ट्रांसफर सिस्टम पर प्रतिबंध समेत कड़े प्रतिबंधों को लगाने की मांग की है.
यूक्रेन में ज़मीनी हालात
यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में तनाव, अनिश्चितता और डर का माहौल है. लोगों के चेहरों पर डर और घबराहट नज़र आ रही है. दोनेत्स्क क्षेत्र के कोस्तियनत्यानिवका कस्बे में पेट्रोल पंप से लेकर एटीएम मशीनों पर लोगों की भीड़ देखी जा रही है.
क्या है अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
यूक्रेन के पश्चिम के सहयोगी देशों ने पहले ही लगातार चेतावनी दी थी कि रूस हमले के लिए तैयार है.
हमले की ख़बर आने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि वह अपने सहयोगियों के साथ निर्णायक जवाब देंगे. उन्होंने कहा है कि रूस ने यूक्रेन पर बेवजह हमला किया है.
बाइडन ने कहा, ”राष्ट्रपति पुतिन ने पूर्वनियोजित युद्ध को चुना है और इससे लोगों की जान और मानवता का भारी नुकस़ान होगा. दुनिया रूस की जवाबदेही तय करेगी.”
वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि वो “यूक्रेन की भयानक घटनाओं से व्यथित” हैं और राष्ट्रपति पुतिन ने “बिना उकसावे के हमला बोलकर ख़ूनख़राबे और तबाही का रास्ता चुना है”.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति से बात कर चर्चा की है कि इसका क्या जवाब दिया जाए और साथ ही वादा किया है कि ब्रिटेन और उनके सहयोगी निर्णायक जवाब देंगे.
23 फ़रवरीः यूक्रेन के दो प्रांतों को मान्यता
रूस ने यूक्रेन में सैन्य अभियान पूर्वी यूरोप के दो अलगाववादी प्रांतों दोनेत्स्क और लुहान्स्क को मान्यता देने के एक दिन बाद किया. इन प्रांतों ने स्वयं को गणराज्य घोषित कर दिया है.
इससे पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने 21 फ़रवरी की रात को टेलीविज़न पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि रूसी सेनाएं पूर्वी यूरोप में दाखिल होंगी और वे अलगाववादी क्षेत्रों में शांति स्थापित करने की दिशा में काम करेंगी.
राष्ट्रपति के शासनादेश के मुताबिक़ रूसी सेनाएं लुहान्स्क और दोनेत्स्क में शांति कायम करने का काम करेंगी.दोनेत्स्क और लुहान्स्क पर रूस समर्थित अलगाववादियों का नियंत्रण है.
रूस के राष्ट्रपति ने दावा किया कि यूक्रेन का एक असल राष्ट्र होने का कोई इतिहास नहीं है और आधुनिक यूक्रेन का जो स्वरूप है वो रूस का बनाया हुआ है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक
रूस के राष्ट्रपति पुतिन की घोषणा के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक आपातकालीन बैठक की. यह बैठक कई देशों के अनुरोध के बाद की गयी.
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफ़ील्ड ने पूर्वी यूक्रेन में विद्रोहियों के क़ब्ज़े वाले दो इलाक़ों को रूस के मान्यता देने की कड़ी निंदा की और चेतावनी दी कि इसके नतीजे पूरे यूक्रेन, यूरोप और दुनिया को भुगतने पड़ सकते हैं.
अमेरिकी राजदूत ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति ने मिंस्क समझौते की धज्जियां उड़ा दी हैं और अमेरिका को नहीं लगता कि रूस यहीं रुकेगा.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में चीन ने कहा कि सभी पक्षों को संयम बरतते हुए आगे का सोचना चाहिए. चीन की ओर से कहा गया है कि ऐसी किसी भी कार्रवाई से परहेज़ करना चाहिए जिससे यह संकट और उग्र रूप ले ले. चीन की ओर से सुरक्षा परिषद में मौजूद राजदूत झांग जून ने कहा कि चीन राजनयिक समाधान के लिए किए जा रहे हर प्रयास का समर्थन करता है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत यूक्रेन से संबंधित घटनाओं पर नज़र रखे हुए है. उन्होंने कहा- यूक्रेन की पूर्वी सीमा पर चल रहे घटनाक्रम और रूस की ओर से की गई घोषणा पर भारत की नज़र है.
वहीं तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने यूक्रेन को लेकर रूस के ताज़ा क़दम को अस्वीकार्य कहा है. उन्होंने कहा है कि इस मामले में सभी पक्षों को अंतरराष्ट्रीय क़ानून का सम्मान करना चाहिए.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन में सेना भेजने के आदेश को ‘जीनियस’ बताया है.
रूस पर पाबंदियां
पूर्वी यूक्रेन में सेना भेजने के रूस के एलान के बाद यूक्रेन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए रूस पर कठोर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की थी.अमेरिका समेत कई देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं.
इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से दो वित्तीय संस्थाओं, वीईबी और रूसी मिलिट्री बैंक के ख़िलाफ़ लगाया गया प्रतिबंध सबसे ताज़ा है.
साथ ही बाइडन ने ये भी कहा कि रूसी अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्सों को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था से हटाया जा रहा है. साथ ही रूस के उच्च वर्ग और उनके परिवारों पर भी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रूस के पाँच बैंकों और तीन अरबपतियों के ख़िलाफ़ पाबंदियों की घोषणा की है.
बोरिस जॉनसन ने कहा है कि रूस के जिन तीन अरबपतियों पर पाबंदी लगाई गई है, ब्रिटेन में उनकी संपत्ति फ़्रीज की जा रही है और उन्हें ब्रिटेन आने से रोका जाएगा.
जिन बैंकों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, वे हैं रोसिया, आईएस बैंक, जनरल बैंक, प्रॉमस्व्याज़ बैंक और ब्लैक सी बैंक. वहीं जिन तीन प्रभावशाली शख़्सियतों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, वो गेनेडी टिमचेंको, बोरिस रोटेनबर्ग और आइगर रोटेनबर्ग हैं.
पीएम जॉनसन ने कहा कि अगर स्थिति और बिगड़ती है तो नए प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं.जर्मनी ने रूस के साथ नॉर्ड स्ट्रीम2 गैस पाइपलाइन को शुरू करने की प्रक्रिया रोक दी है. इस पाइपलाइन के ज़रिए जर्मनी में रूस से गैस पहुंचने वाली थी.
यूक्रेन संकट के ख़िलाफ़ क़दम उठाते हुए जर्मनी के चांसलर ओलाफ़ शल्ट्स ने बर्लिन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि यूक्रेन में रूस ने जो क़दम उठाए हैं, उसके जवाब में उनकी सरकार ये कार्रवाई कर रही है.
यूरोपीय संघ ने एकमत से अपने पहले उपायों पर सहमति व्यक्त की है जिसमें रूस की संसद के उन सदस्यों को लक्ष्य बनाना शामिल है जिन्होंने यूक्रेन पर अपनी सहमित जताई है.
रूसी बैंकों और ईयू के वित्तीय बाज़ारों तक पहुंच को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. लेकिन अब तक लगाए गए प्रतिबंध हमले की स्थिति वाले डर से कम हैं.
दूसरे देशों की अपने नागरिकों को लेकर चिंता
यूक्रेन में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें वापस लाने के लिए एयर इंडिया का एक विशेष विमान कल यानी 22 फ़रवरी को यूक्रेन रवाना हुआ. एयर इंडिया भारत-यूक्रेन के बीच तीन विमानों को संचालित करेगा.
एक विमान 22 फ़रवरी को 242 यात्रियों को लेकर लौट आया है. वहीं दूसरे विमान के 24 फ़रवरी और तीसरे विमान के 26 फ़रवरी को यूक्रेन जाने की बात थी लेकिन 24 तारीख़ को यूक्रेन जा रहा एयर इंडिया का विमान रूसी हमले के बाद बीच से वापस लौट आया क्योंकि यूक्रेन स्टेट एयर ट्रैफिक सेवा ने अपने देश के हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया. उसने अगले 14 दिनों के लिए यूक्रेन जाने और यूक्रेन से आने वाली सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है.
अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने यूक्रेन में अपने दूतावास के अधिकारियों और स्टाफ़ को पोलैंड जाने के लिए कहा है. सुरक्षा कारणों के तहत दोनों देशों की ओर से यह बयान जारी किया गया.
इसके साथ ही रूस ने भी यूक्रेन से अपने राजनयिक कर्मचारियों को निकालने का निर्णय लिया है. रूस के विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि, “रूसी राजनयिकों, दूतावासों और कान्सुलेट जनरल के कर्मचारियों की देखभाल करना हमारी पहली प्राथमिकता है.” साथ ही अपने बयान में रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा का वो बहुत जल्दी ही इसकी शुरुआत करेगा.
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर
यूक्रेन और रूस में बढ़ते तनाव के बीच एशियाई शेयर बाज़ार में भारी गिरावट देखी गयी. इससे एक बार फिर से मंदी से उबरती अर्थव्यवस्थाओं को झटका लग सकता है. मंगलवार को जापान के निक्केई 225 सूचकांक में दो फ़ीसदी की गिरावट आई. वहीं दक्षिण कोरिया के कोस्पी में भी बाज़ार खुलते ही 1.4% की गिरावट देखी गयी.
द्वितीय स्तर की सेना को सुसज्जित करना होगा आज के संदर्भों में
पूर्वी यूरोप में बढ़ते तनाव के कारण तेल की क़ीमतों में बढ़ोतरी होगी और सप्लाई चेन भी बुरी तरह से प्रभावित होगा. 22 फ़रवरी को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमत सात साल से सबसे ऊँचे स्तर प्रति बैरल 97.44 डॉलर पर पहुँच गई.
इसके बाद ऐसी आशंका जताई जा रही है कि दुनिया भर में तेल का सप्लाई चेन प्रभावित हो सकता है. रूस सऊदी अरब के बाद तेल निर्यात करने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है. रूस प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा उत्पादक भी है.
Petrol-Diesel Price: क्रूड ऑयल कीमतों में भारी उछाल, यहां पेट्रोल 20 और डीजल 15 रुपये हुआ महंगा!
नेटो की तैनाती
यूक्रेन पर पैदा हुई नई स्थिति को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में अमेरिकी सेना की तैनाती नेटो देशों में करने की बात कही थी.
उनके संबोधन के बाद पेंटागन ने यह पुष्टि की है कि अमेरिकी सेना बाल्टिक क्षेत्र में जाएगी. अमेरिकी रक्षा विभाग ने बताया कि क़रीब 800 पैदल सैनिकों को इटली से बाल्टिक क्षेत्र में तैनात किया जाएगा.
इसके साथ ही वह नेटो के पूर्वी हिस्से में आठ F-35 लड़ाकू जेट की तैनाती भी करेगा.हंगरी ने घोषणा की है कि वो यूक्रेन से लगी अपनी सीमा पर सैनिकों को तैनात करेगा.
नेटो प्रमुख जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने रूस को सलाह दी थी कि वो यूक्रेन पर हमले का इरादा छोड़ दे.
रूस-यूक्रेन के बीच बयानबाज़ी
यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेज़नीकोव ने 22 फ़रवरी को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर सोवियत संघ को पुराने स्वरूप में लाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.
यूक्रेन की सशस्त्र सेनाओं को संबोधित पत्र में ओलेक्सी रेज़नीकोव ने लिखा है कि पूर्वी यूक्रेन में दो अलग हुए सूबों को स्वीकार करने का फैसला बताता है कि रूस ने 1991 में ढहे सोवियत संघ को पुनर्जीवित करने की ओर एक कदम और बढ़ा दिया है.
उन्होंने लिखा, “रूस ने सोवियत संघ को पुनर्जीवित करने की ओर एक कदम और बढ़ा दिया है. नए वारसॉ पैक्ट और नई बर्लिन वॉल के साथ सिर्फ यूक्रेन और यूक्रेन की सीमा इस दिशा में आख़िरी रोड़ा है.”
“अपने देश, अपने घर, और रिश्तेदारों की रक्षा करने की दिशा में हमारे सामने बहुत आसान विकल्प है. हमारे लिए कुछ नहीं बदला है. हमारे सामने कुछ कड़ी चुनौतियां हैं.
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source: bbc.com/hindi