आरओ वाटर भ्रष्ट्राचार मामले मै जांच पर लग रहा प्रश्न चिन्ह

देवरी जनपद पंचायत की लाखो रुपये की राशि चढी भ्रष्ट्राचार की भेंट

 

०-त्रिवेंद्र जाट की रिपोर्ट

देवरी सागर – मध्यप्रदेश के सागर जिले की देवरी जनपद पंचायत द्वारा जनपद सदस्यो व अन्य पंचायतों की राशि से जो बाटर आरओ लगाये गये थे जिसके नाम पर लाखो का भ्रष्ट्रा चार किया गया है वाटर आरओ जनपद पंचायत मै भी लगाया गया जिसकी कीमत एकलाख बतायी जा रही है वह करीब बारह से पन्द्रह हजार कीमत का है

उस का वाक्स बडा बना दिया गया है महाराजपुर के हायर सेकण्डरी स्कूल के आरओ का बिल एक लाख पचास हजार है जबकि करीब बीस हजार लागत का है वो भी बंद है देवरी गल्स हायर सेकण्डरी व रसेना हाई स्कूल मै भी एक लाख लागत का लगा है उसकी सही कीमत करीब पन्द्रह हजार है पनारी खखरिया बेलढाना गौरझामर वारह अस्पताल देवरी वी आर सी ऑफिस महाराजपुर मढपिपरिया खमरिया जैसी और भी पंचायतो व अन्य स्थानो पर लगाये जाने थे

कई जगह लगे ही नही है कई जगह लगे है तो उनकी कीमत से तीन गुना अधिक राशि के बिल बनाकर राशि निकली है कई स्थान ऐसे भी है जहाँ आरओ वाटर पहले से लगा था फिर भी लगा दिया गया जैसे अस्पताल देवरी मै उन्ही का आरओ लगा है व जनपद राशि का आरओ गायब है और रिकार्ड मै चढे अनुसार पचास हजार निकले है ऐसे ही जनपद ऑफिस मै जब पहले से लगा था फिर भी एक ओर लगा दिया गया

एक लाख राशि का ऐसे कई स्थान है जहाँ पर पंचायतो की राशि से बिल बनाकर राशि निकाली गई है मगर आर ओ लगे ही नही है जिसकी खबर पत्रकारो द्वारा करीब दस दिन से प्रशासित की जा रही है व जनपद सदस्यो व अन्य लोगो द्वारा आरओ भ्रष्ट्राचार की शिकायत केन्द्रीय मंत्री पहलाद पटेल राज्य के केबिनेट मंत्री गोविंद राजपूत गोपाल भार्गव व भूपेन्द्र सिग राजपूत व कलेक्टर सागर तथा जिलापंचायत सीईओ से की गई थी उसके बाद जिला पंचायत सीईओ द्वारा मामले की जांच देवरी

सीईओ को दी गई व कहा गया कि पूरे मामले की जांच बिन्दु बार करे जांच मै कोई भी लापरवाही न हो जो कर्मचारी अधिकारी जांच करने मै लापरवाही व दोषी पाया जायेगा उसपर भी सख्त कार्यवाही होगी देवरी सीईओ द्वारा जांच दल बनाकर जांच करायी जा रही है उस जांच मै कई जगह फर्जी झूठी जांच रिपोर्ट बनायी जा रही है कई जांच कर्ताओ पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है व कई स्कूलो के प्राचार्य व प्रधान अध्यापको द्वारा भी झूठी रिपोर्ट सोपी जा रही है

जिसकी जांच जिला स्तर के अधिकारियो द्वारा की जानी चाहिये व ऐसे जांच कर्ता व रिपोर्ट गलत भेजने वाले कर्मचारीयो पर भी सख्त कार्यवाही की जानी चाहिये क्योकि जमीनी स्तर पर स्थिति ठीक नही है सभी स्थानो पर बिल रेट से तीन गुना कम राशि के आरओ लगे है मगर उन्ही कम रेट वाले आरओ की रिपोर्ट कैसे पचास हजार एक लाख बताकर विभागो के कर्मचारी रिपोर्ट जनपद पंचायत व वीरआर सी ऑफिस केअधिकारियो को सौप रहे है यह जांच पर सबसे बडा प्रश्न चिन्ह उठता नजर आ रहा है देखते है

आगे क्या होता है क्योकि मामले मै बडी लम्बी चैन फसती नजर आ रही है तो मामले को दबाने की बडी ही कोशिस की जा रही है देखते है कि जिन मंत्री यो ने जांच के लिये पत्र भेजा है वे फर्जी जांच पर ही निशचिंत होते है या आगे उच्च अधिकारी यो से जांच फिर से कराते है व लापरवाही करने वाले जांच कर्ता लोगो पर भी सख्त कार्यवाही करवाते है l