रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने देशभर के 15 बैंकों पर सख्त कदम उठाते हुए जुर्माना लगाया है। ये बैंक तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना से संबंधित हैं। आरबीआई ने बैंकिंग नियमों के उल्लंघन को लेकर यह दंड लगाया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वित्तीय अनुशासन और नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
किन बैंकों पर लगा है जुर्माना?
तमिलनाडु में द वेल्लोर को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड पर 50 हजार रुपये और द शॉलिंघुर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कर्नाटक के कर्नाटक ग्रामीण बैंक, द साउथ केनरा डिस्टिक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, द मैसूर और चामराजनगर डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, श्री गणेश को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, टुमकुर वीराशैवा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और बगलकोट डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर भी जुर्माना लगाया गया है।
केरल में कोडुनगल्लूर टाउन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और द केरल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड को दंडित किया गया है। गुजरात में पोरबंदर कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और द सतराम अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर कार्रवाई हुई है। पंजाब के जालंधर स्थित द सिटीजंस अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड को 15 लाख रुपये और हिमाचल प्रदेश के द कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड को 25 लाख रुपये का दंड भुगतना पड़ा है। वहीं तेलंगाना के निजामाबाद डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर भी जुर्माना लगाया गया है।
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क्यों उठाया गया यह कदम?
आरबीआई द्वारा लगाए गए जुर्माने की प्रमुख वजहें इन बैंकों द्वारा नियमों का उल्लंघन करना है। कोडुनगल्लूर टाउन को-ऑपरेटिव बैंक ने खातों को गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) के रूप में वर्गीकृत करने में असफलता दिखाई। कर्नाटक ग्रामीण बैंक ने भी यही गलती दोहराई। द साउथ केनरा डिस्टिक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और द मैसूर और चामराजनगर डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड ने निदेशकों से संबंधित लोन स्वीकृत किए।
द वेल्लोर को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड और पोरबंदर कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड अपने ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को सेंट्रल केवाईसी रजिस्ट्री पर अपलोड करने में असफल रहे। जालंधर स्थित द सिटीजंस अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने रेगुलेटरी लिमिट से परे लोन और एडवांस को रिन्यू किया। श्री गणेश को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने विनियामक सीमाओं का उल्लंघन किया और निर्धारित सीमा से अधिक दान दिया।
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क्या ग्राहकों पर पड़ेगा असर?
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई नियमों के अनुपालन में कमियों के कारण की गई है और इसका ग्राहकों के बैंकिंग लेनदेन पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा। बैंकिंग सेवाएं सामान्य रूप से चलती रहेंगी और ग्राहकों की जमा राशि पर कोई खतरा नहीं होगा।