रेप केस में फंसे कांग्रेस विधायक के बेटे की बढ़ सकती है मुश्किल, पीड़िता ने दी सुसाइड की धमकी

rape case
Rape case

उज्जैन. बड़नगर के कांग्रेस विधायक (Congress MLA) मुरली मोरवाल के बेटे करण मोरवाल की मुश्किल बढ़ सकती है. रेप केस (rape case) में जमानत पर छूट चुके करण के खिलाफ पीड़ित युवती ने फिर मोर्चा खोल दिया है. आरोप है कि करण को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमानत मिली है.

अगर उसके विरुद्ध दो दिन में FIR नहीं हुई तो वो सीएम हाउस के सामने आत्महत्या कर लेगी. पीड़ित युवती ने नेताओं और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा.

बड़नगर से कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के बेटे करण मोरवाल को रेप के केस (rape case) में जमानत मिल चुकी है. लेकिन रेप पीड़िता का दावा है कि करण को बड़नगर के सिविल अस्पताल के फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर मिली है.

अस्पताल में गड़बड़ी
पीड़ित युवती के आरोप में दम इसलिए लग रहा है क्योंकि दो महीने पहले सिविल अस्पताल के एक डॉक्टर और कर्मचारियों को फर्जी डॉक्यूमेंट मामले में कलेक्टर आशीष सिंह ने निलंबित किया है. रेप पीड़िता का कहना है कि करण की जमानत के खिलाफ वो लगातार आवेदन दे रही है लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही.

वो आरोपी करण के खिलाफ 420 और अन्य धाराओं में कार्रवाई की मांग कर रही है. पीड़िता ने कलेक्टर, कमिश्नर, मंत्री मोहन यादव, सांसद अनिल फ़िरोजिया और उज्जैन आईजी, एसपी को ज्ञापन सौंप करण के विरुद्ध भी 420 व अन्य धाराओं में कार्रवाई की मांग की है.

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सीएम हाउस के बाहर सुसाइड की धमकी
पीड़िता ने अल्टीमेटम दिया है कि अगर 2 दिन में करण के विरुद्ध FIR दर्ज नहीं होती है तो वो भोपाल में सीएम हाउस के बाहर सुसाइड कर लेगी. मंत्री डॉ मोहन यादव, सांसद अनिल फ़िरोजिया, आईजी सन्तोष कुमार और कमिश्नर ने पीड़िता को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है. लेकिन

कलेक्टर का बयान
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा मामला लगभग डेढ़ से दो माह पुराना है. बड़नगर सिविल अस्पताल में नकली दस्तावेज बनाने की शिकायत आयी थी. प्राथमिक जांच में डॉक्टर और कुछ कर्मचारी दोषी पाए गए थे. उनके विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की गई है. जांच चल रही है जल्द ही और चीज़े सामने आएंगी.

क्या है रेप पीड़िता का आरोप
पीड़िता ने बताया कि घटना 14 फरवरी की है. करण ने सफाई में बड़नगर के सिविल अस्पताल के डॉक्यूमेंट दिखाए और प्रूफ दिया कि में 13 से 15 फरवरी तक अस्प्ताल में भर्ती था और उसी आधार पर करण को जमानत मिली. लड़की का कहना है करण 14 तारीख को इंदौर में था जिस दिन उसके साथ ये घटना हुई.

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इसलिए करण को अस्पताल में एंट्री कैसे मिली. कलेक्टर ने cctv और अन्य आधार पर जांच की तो अस्पताल में फर्जी रिकॉर्ड पाया गया. उसी आधार पर डॉक्टर और अन्य कर्मचारी निलंबित किए गए तो करण के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही. इस पर अब 18 तारीख को सुनवाई होना है.

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