0- खरगोन से अनूप तिवारी की रिपोर्ट
शहर के तिलक पथ स्थित पुरानी किताबों के व्यापारी मित्रबोध विट्ठल दास मोतीलाल गुजराती का शुक्रवार को निधन हो गया। गुरुवार सुबह वे दुकान में घायल अवस्था में मिले। उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां उपचार के दौरान शुक्रवार उनका निधन हो गया। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी बदमाश ने उन पर हमला किया था। वहीं इस मामले शहर थाना प्रभारी का कहना है कि मृतक के सिर पर चोट के निशान है। पोस्ट मार्टम के बाद मृत्यु के कारणों का पता चल पाएगा।
किताबों का संसार में ही रहते थे मित्रबोध
मित्रबोध के नाम से विख्यात विट्ठलदास की पिछले 45 वर्षों से स्कूल, कॉलेज की पुरानी किताबों को खरीदने बेचने का काम करते थे। उन्होंने किताबों के संसार को ही अपनी दुनिया बना रखा था और वे दुकान में ही रहा करते थे। लॉक डाउन और कोरोना काल में स्कूल कॉलेज बंद होने से उनका व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ था और वो मुफलिसी का जीवन जी रहे थे
लेकिन उन्होंने फिर भी किताबों की बिलकुल बेकार होने पर ही रद्दी में बेचा हमेशा किताबों का मोल बनाए रखा।शहर वासी आनंद महाजन ने बताया कि उनकी दुकान गरीब विद्यार्थियों के लिए बहुत बड़ा सहारा हुआ करती थी। जहां आधी कीमत में जरूरी किताबें मिल जाया करती थी।
सिर पर चोट के निशान,जांच जारी
विट्ठलदास गुजराती के सिर पर चोट के निशान पाए गए है। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं उनकी दुकान के आस पास के सीसीटीवी भी खंगाले जा रहे है। पुलिस पूरी मुस्तैदी से निष्पक्ष जांच में जुटी है।
बी एल मंडलोई,थाना प्रभारी,कोतवाली खरगोन
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