हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करना प्रयागराज DM भानुचंद्र गोस्वामी को पड़ गया भारी

 

इलाहबाद हाईकोर्ट (फाइल फोटो).

इलाहबाद हाईकोर्ट (फाइल फोटो).

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की सख्ती के बाद डीएम ने हर्जाने की राशि जमाकर कोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट पेश की. इसके बाद कोर्ट ने अवमानना याचिका निस्तारित कर दी.

 

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के आदेश का पालन न करना प्रयागराज के डीएम भानुचंद्र गोस्वामी (DM Bhanu Chandra Goswami) को भारी पड़ा है. हाईकोर्ट के आदेश पर डीएम को 5000 रुपये हर्जाना भरना पड़ा है. जुर्माना भरने के बाद ही डीएम को अवमानना की कार्यवाही से निजात मिली है. दरअसल ये अवमानना याचिका सरोज कुमार मिश्रा ने दाखिल की थी.

दो बार दाखिल हुई अवमानना याचिका

याची सरोज कुमार ने इससे पहले भी दाखिल अवमानना याचिका की थी. पहली बार तो हाईकोर्ट ने डीएम को एक और मौका देते हुए याचिका निस्तारित कर दी थी. लेकिन आदेश का पालन नहीं हुआ तो उसने दोबारा दाखिल याचिका पर कोर्ट ने 3 अक्तूबर को डीएम को कारण बताओ नोटिस कर दिया. कोर्ट ने पूछा कि क्यों न उनके शुरू की जाये अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए. इस सख्त आदेश के बावजूद डीएम ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया.

नहीं माना कोर्ट का ये आदेश5 अक्तूबर को दोबारा याचिका की सुनवाई हुई. कोर्ट में डीएम की ओर से पक्ष रखने के लिए कोई वकील उपस्थित नहीं हुआ. कोर्ट में और अनुपालन रिपोर्ट भी डीएम की ओर से नहीं दाखिल की गई. इसे गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने डीएम को 5000 रुपये का जमानती वारंट जारी करते हुए 13 अक्तूबर को तलब कर लिया. हालांकि सरकारी वकील के अनुरोध पर कोर्ट ने वारंट पर तो रोक लगा दी, मगर इस शर्त के साथ कि डीएम अपने निजी बैंक खाते से पांच हजार रुपये भरेंगे, कोर्ट ने हिदायत दी अनुपालन रिपोर्ट दाखिल नहीं करने पर डीएम व्यक्तिगत रूप से हाजिर होंगे.

हाईकोर्ट की सख्ती के बाद डीएम ने हर्जाने की राशि जमा कर कोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट पेश की. इसके बाद कोर्ट ने अवमानना याचिका निस्तारित कर दी.

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