फैसलों पर अमल नहीं होने की वजह से जिला प्रशासन से नाराजगी

इन्दौर। जिला प्रशासन इन्दौर की हठधर्मिता से नाराज़ भाजपा के वरिष्ठ नेता ने आज अपना विक्राल स्वरूप दिखाया। जनहित से जुड़े मुद्दों पर अमल नहीं किए जाने से नाराज़ वरिष्ठ नेता ने आगामी बैठकों में शामिल नहीं होने की घोषणा भी कर दी।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद कृष्ण मुरारी मोघे ने आज अपराह्न भाजपा कार्यालय में नौ तपे के अंतिम चरण में अपने तीखे तेवर दिखाएं। दरअसल रेसीडेंसी कोठी में प्रशासनिक अमले के साथ बैठक से पहले भाजपा के आला नेता मंथन करने के लिए एकत्रित हुए थे। जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात कार्यक्रम समाप्त हुआ, वैसे ही चर्चा का सिलसिला शुरू हुआ।
बैठक में आरएसएस और प्रशासन में समन्वयक की भूमिका निभा रहे डॉ. निशांत खरे विशेष रूप से उपस्थित थे। बैठक में श्री मोघे ने इस बात पर सख्त एतराज उठाया कि प्रशासन की बैठकों में लिए जाने वाले जनहित के निर्णयों का क्रियान्वयन नहीं हो पाता हैं, बार-बार प्रशासन और कलेक्टर को पूर्व में लिए गए फ़ैसलों के संदर्भ में स्मरण करवाना पड़ता है।
उन्होंने दोनों वक़्त दूध वितरण शुरू करने और कुछ घंटो में लिए डेयरी खोलने के साथ ही ठेले वालो को रूट पास दे कर कॉलोनियों में सब्जी फल विक्रय हेतु डायरेक्ट किसानों से खरीद कर वितरण शुरू करने का सुझाव दिया था ।
उन्होंने कहा कि एक तरफ़ प्रशासन अनेक व्यवसायियों को राहत दें रहा है लेकिन किसान और फल-सब्जी विक्रेताओं के साथ अमानवीय व्यवहार कर रहा हैं। इस पर समन्वयक डॉ खरे ने कहा कि आप बैठक में यह मुद्दे रखिएगा, इस पर श्री मोघे बिफर पड़ें।
उन्होंने कहा कि डॉ खरे को समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई है तो वो ही सारे फ़ैसले करवाएँ, यह कहकर श्री मोघे भाजपा कार्यालय से नीचे उतर आएं। श्री मोघे का यह रूप देखकर सभी भाजपा नेता सकते में आ गए। सांसद शंकर लालवानी, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, पूर्व अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा, मधु वर्मा आदि उनकी कार केआगे खड़े हो गए और उन्हें बमुश्किल रोका।
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श्री वर्मा और श्री रणदिवे, श्री मोघे की कार में सवार हो गए और उन्हें रेसीडेंसी कोठी लेकर आए। सांसद प्रतिनिधि कृष्णकांत रोकड़े भी साथ मौजूद थे।
श्री मोघे ने कहा कि गेहूँ खरीदी, किसानों से प्याज खरीदी, प्रवासी श्रमिकों के लिए बस सुविधा, भोजन सुविधा जैसे मुद्दे उन्होंने मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्रियों के संज्ञान में लाएं, जिस पर तो तत्काल अमल हो गया लेकिन इन्दौर में जिला प्रशासन कोई बात सुनने को तैयार ही नहीं होता।
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यह तय किया गया कि आला अफसरों की बैठक में सबसे पहले पूर्व में लिए गए निर्णयों पर चर्चा होगी। रेसीडेंसी कोठी की बैठक में आज श्री मोघे ही केंद्र बिंदु रहें।
बैठक में श्री मोघे ने दूध विक्रेताओं-डेयरियों के माध्यम से दोनों वक्त दूध की बिक्री, फल-सब्जी विक्रेताओं के माध्यम से शहर में फल सब्जी विक्रय, सब्जी-फल की ज़ब्ती पर रोक लगाने की बात रखी। उन्होंने शहर खोलने के साथ-साथ सिटी बस चलाने का सुझाव भी रखा।जिला कलेक्टर ने आश्वस्त किया कि आज शाम तक इन मुद्दों पर निर्णय लें लिए जाएंगे।
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