Maha Navami 2020:कल सुबह 07:41 तक नवमी इसके बाद लग जाएगी दशमी

शारदीय नवरात्रि पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। आज यानी 24 अक्टूबर को महाष्टमी का व्रत है। वहीं महानवमी और विजयदशमी (दशहरा) 25 अक्टूबर को मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, महानवमी 24 अक्टूबर दिन शनिवार को सुबह 6 बजकर 58 मिनट पर आरंभ हो गई है, जो अगले दिन यानी 25 अक्टूबर सुबह 7 बजकर 41 मिनट तक रहेगी। इसके बाद 25 अक्टूबर को विजयदशमी शुरू होगी।

विजयादशमी का शुभ मुहूर्त-

विजया दशमी 25 अक्टूबर को सुबह 07:41 मिनट पर शुरू हो जाएगी।

नवमी तिथि में शुभ मुहर्त-

25 अक्टूबर सुबह 07:41 तक नवमी की तिथि है। इसलिए महानवमी का हवन भी 25 अक्टूबर को होगा। नवमी के दिन सुबह हवन के लिए 01 घंटा 13 मिनट का समय है। इसे सुबह 06:28 से 07:41 तक किया जा सकता है।

हवन साम्रगी-

आम की लकड़ियां, बेल, नीम, पलाश का पौधा, कलीगंज, देवदार की जड़, गूलर की छाल और पत्ती, पापल की छाल और तना, बेर, आम की पत्ती और तना, चंदन का लकड़ी, तिल, कपूर, लौंग, चावल, ब्राह्मी, मुलैठी, अश्वगंधा की जड़, बहेड़ा का फल, हर्रे, घी, शक्कर, जौ, गुगल, लोभान, इलायची, गाय के गोबर से बने उपले, घी, नीरियल, लाल कपड़ा, कलावा, सुपारी, पान, बताशा, पूरी और खीर। हवन विधि-

हवन कुण्ड में अग्नि प्रज्ज्वलित करें। इसके बाद हवन साम्रगी गंध, धूप, दीप, पुष्प और नैवेद्य आदि अग्नि देव को अर्पित करें। फिर घी मिश्रित हवन सामग्री से या केवल घी से हवन किया जाता है।

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आहुति मंत्र-
ओम पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा।

ओम भूः स्वाहा, इदमगन्ये इदं न मम।

ओम भुवः स्वाहा, इदं वायवे इदं न मम।

ओम स्वः स्वाहा, इदं सूर्याय इदं न मम।

ओम अगन्ये स्वाहा, इदमगन्ये इदं न मम।

ओम घन्वन्तरये स्वाहा, इदं धन्वन्तरये इदं न मम।

ओम विश्वेभ्योदेवभ्योः स्वाहा, इदं विश्वेभ्योदेवेभ्योइदं न मम।

ओम प्रजापतये स्वाहा, इदं प्रजापतये इदं न मम।

ओम अग्नये स्विष्टकृते स्वाहा, इदमग्नये स्विष्टकृते इदं न मम।

Source live hindustan