जानकारी के अनुसार नरेंद्र गहलोत ने मीडिया से बातचीत में बताया वह अपनी 16 साल की बेटी शिवानी और 17 साल की बेटी पायल की तबीयत खराब होने पर उन्हें हमीदिया अस्पताल लेकर आया था।
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यहां चिकित्सकों ने शिवानी को मेडिकल वार्ड एक में भर्ती कर लिया जबकि दूसरी बेटी पायल को कोरोना पॉजिटिव बताकर कोविड-19 वार्ड में भर्ती कर लिया। पिता नरेंद्र गहलोत का आरोप है कि वह चिकित्सकों को कहता रहा कि उसकी बेटी को कोरोना नहीं है। इसके बावजूद उसकी एक नहीं सुनी गई।
उन्होंने कहा कि मेडिकल वार्ड नंबर एक में भर्ती बेटी शिवानी ने इलाज के अभाव में तड़प तड़पकर दम तोड़ दिया जबकि दूसरे दिन डॉक्टरों ने पायल की कोरोना रिपोर्ट को भी नेगेटिव बता दिया। पिता का आरोप है कि पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।
संभाग आयुक्त कवीन्द्र कियावत ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जांच करने के लिए 3 सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति में गांधी मेडिकल कालेज के डीन डॉ. अरुणा कुमार, सर्जिकल विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद राय और हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आईडी चौरसिया को शामिल किया है। समिति को 3 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए है।
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