दो अक्टूबर को सहजयोग मनाएगा भव्य ऑनलाइन अनुभव सिद्ध ध्यान का उत्सव
आत्मा से साक्षात्कार हुए बिना मानव जन्म अधूरा है~परम पूज्य श्री माताजी
लाल बहादुर शास्त्री जी एवं महात्मा गांधी जी से ली प्रेरणा
अन्तर्राष्ट्रीय सहज योग ट्रस्ट ,नईदिल्ली,के उपाध्यक्ष श्री दिनेश राय जी ने जानकारी दी है कि गांधी जी और शास्त्री जी की जयंती के अवसर पर 2 अक्तूबर 2020 को भारत की क्षेत्रीय और राष्ट्रीय भाषाओं में कुंडलिनी जागृति एवं आत्म साक्षात्कार पर एक ऑनलाइन सार्वजनिक कार्यक्रम होने जा रहा है।
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण पहले घंटे का संस्कृत भाषा में कार्यक्रम है जो 2 अक्तूबर 2020 को प्रातः 8 बजे से 9 बजे तकhttps://www.sahajayoga.org.in/live पर प्रसारित किया जाएगा।
आयोजित कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रमुख क्षेत्रीय व राष्द्रीय भाषाओं संस्कृत,हिन्दी,अंग्रेजी,उर्दू,तेलुगू ,बंगाली, गुजराती,मराठी सहित बारह प्रमुख भाषाओं में लगातार बारह घण्टे तक आत्म साक्षात्कार का अनुभव सिद्ध ध्यान सिखाया जाएगा। अन्य भाषा कार्यक्रमों के लिए कृपया संलग्नक 2 देखें।
यह कार्यक्रम परम पूज्य श्री माताजी निर्मला देवी की अनमोल शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए कुंडलिनी जागरण और आत्म साक्षात्कार का अनुभव करने के लिए है और आम जनता के लिए निःशुल्क है।
मध्यप्रदेश सहजयोग समन्वयक श्री दीपक गोखले जी ने बताया कि माननीय शास्त्री जी ने 1965
के युद्ध व अकाल के संकट में जय जवान जय किसान नारा दे कर एवं सप्ताह में एक समय उपवास से अन्न की आत्मनिर्भरता को जिस प्रकार कायम रखा एवं महात्मा गांधी जी ने ‘करो या मरो’का संपूर्ण देश को पराधीनता के संकट काल में एक सूत्र में बांधा। इन्ही से प्रेरित हो कर महामारी की दोहरी मार के संकट काल में होने जा रहे इस कार्यक्रम को स्वाभिमान दिवस का नाम दिया गया है।
सहजयोग—-मंदसोर कि समन्वयक श्रीमति रिना पोरवाल ने बताया कि
यह कार्यक्रम परम पूज्य श्री माताजी निर्मला देवी की अनमोल शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए कुंडलिनी जागरण और आत्म साक्षात्कार का अनुभव करने के लिए है और आम जनता के लिए निःशुल्क है।
हमने अनुभव किया कि साधक के भीतर एक बार जागृत कुंडलिनी शक्ति शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक मुद्दों को हल करने की क्षमता रखती है। जिन साधकों ने अपना आत्म साक्षात्कार प्राप्त किया है, उन्हें उनकी हथेली और तालु पर ठंडी हवा (कंपन) महसूस हुई है और इस प्रकार वैज्ञानिक रूप से साधकों ने अपने भीतर कुंडलिनी की गति को महसूस किया है।
अतः मनुष्य को चाहिए कि वह अपने व समाज के उत्थान के लिए सहज योग को जीवन में आत्मसात करे।यहीं मानवता को उन्नत करने का एक मात्र दिव्य तरीका है।
सहज योग संस्था द्वारा समस्त जन सामान्य से अपील की गई है कि वे इस निशुल्क अनुभव सिद्ध ध्यान को अवश्य अपनाएँ एवं कोरोना काल की शारीरिक मानसिक एवं आर्थिक समस्या से उपजे तनाव से मुक्ति पाएँ।कार्यक्रम का लाभ उठाने के लिए टोल फ्री नंबर 180030700800 पर संपर्क करें।