नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर दो भाइयों के मिलने का वीडियो खूब वायरल हो रहा है। दोनों भाई एक-दूसरे की बाहों में रोते हुए नजर आ रहे हैं। यह पुनर्मिलन का दृश्य सभी को भावुक कर रहा है। 1947 में जब भारत का विभाजन हुआ था, तब उस समय दो भाई एक-दूसरे से बिछड़ गए थे। पाकिस्तान के फैसलाबाद में रहने वाले मोहम्मद सदीक और भारत में रहने वाले मोहम्मद हबीब उर्फ शैला जब मिले तो मंजर देखने लायक था।74 साल बाद दोनो भाई पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब (Kartarpur Sahib) में मिले, कॉरिडोर ने भाइयों को फिर से एक कर दिया।
वह एक भावुक कर देने वाला पल था… दोनों समय और श्रद्धालुओं का एक दल कुछ देर के लिए अपनी जगह पर थम गए थे। पाकिस्तान में करतारपुर साहिब (Kartarpur Sahib) पर गुरुद्वारा दरबार साहिब के पास दो पगड़ीधारी बुजुर्ग एक दूसरे को गले लगाकर पीठ थपथपा रहे थे। उनकी आंख से आंसू निकल रहे थे लेकिन वो खुशी के आंसू थे जो 74 साल से इंतजार कर रहे थे। यह दो बुजुर्ग भाइयों का मिलन था जो 74 साल पहले हुए विभाजन में बिछड़ गए थे।
‘आखिरकार हम मिल ही गए’
हल्के बादामी रंग की पगड़ी पहने भाई ने कहा, ‘मिल ता गए… (आखिरकार हम मिल ही गए)।’ भारत से मुहम्मद हबीब उर्फ शैला और पाकिस्तान के फैसलाबाद में रहने वाले उनके भाई मुहम्मद सिद्दीक का इतने सालों बाद हुआ यह मिलन वाकई कई आंखों को नम कर गया। सोशल मीडिया की मदद से हबीब के परिवार ने अपने भाई का पता लगाया और भारतीयों के लिए करतारपुर बॉर्डर खुलते ही मिलने की योजना बनाई।
हबीब ने बताया कि उनके भाई ने शादी नहीं की और अपना पूरा जीवन मां की सेवा में बिता दिया। यह सिर्फ एक पुनर्मिलन नहीं था। पंजाब के होशियारपुर जिले की सुनीता देवी भी पाकिस्तान में अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए सीमा के उस पार गई। जब देश में विभाजन हुआ तो उनके पिता ने यहीं रहने का फैसला किया जबकि उनके भाई फैसलाबाद में बस गए।
फेसबुक पर हुई दोस्ती, करतारपुर में मुलाकात
कुछ ऑनलाइन दोस्तों के बीच भी करतारपुर में मुलाकात हुई। अमृतसर के जतिंदर सिंह प्रार्थना के साथ-साथ अपने प्यार से मुलाकात के लिए कॉरिडोर का रास्ता नापा। वह अपनी फेसबुक गर्लफ्रेंड से मिले जो लाहौर की पंजाब यूनिवर्सिटी में पोस्टग्रैजुएट स्टूडेट हैं।
इसी तरह हरियाणा की मंजीत कौर ने भी अपने फेसबुक फ्रेंड पाकिस्तान के अवैस मुख्तार से मुलाकात की। हालांकि पाकिस्तानी रेंजर ने दोनों को वापस भेज दिया। कारण दिया गया कि वे परिसर में संदिग्ध तरीके से वहां घूम रहे थे।
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मिलन के नजारे देख अधिकारी भी हुए भाव विभोर
मिलन के इन दृश्यों को देखकर अधिकारियों का दल भी भर आया। पाकिस्तानी सरकारी एजेंसी प्रॉजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट के सीईओ मोहम्मद लतीफ ने कहा, मैं रूटीन विजिट पर अपने स्टाफ के साथ करतारपुर में था।
लोगों को गले मिलते और रोते देखकर भाव विभोर हो रहा था। उन्होंने बताया कि और अधिक भारतीय श्रद्धालुओं को यहां आना चाहिए। मंगलवार को यहां सिर्फ 153 भक्त ही आए जबकि हमने एक दिन में 5000 की व्यवस्था की है।
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