भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री एवं मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमल नाथ (Kamal Nath) ने रविवार को पार्टी विधायक दल को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी विस उपचुनाव में जिसे जो जिम्मेदारी दी गई है वह उसमें जुट जाए। उन्होंने कहा कि उपचुनाव के सर्वे में कांग्रेस की अच्छी स्थिति सामने आई है। अगली जो भी बैठक होगी वह राजभवन में हमारी शपथ ग्रहण के बाद होगी। भोपाल स्थित अपने सरकारी बंगले में आयोजित कांग्रेस विधायक दल की बैठक में कमल नाथ ने यह दावा किया।
उपचुनाव को देखते हुए काम में जुट जाएं
कमल नाथ ने कहा कि सितंबर में उपचुनाव होने की संभावना है इसलिए हर पूर्व मंत्री और विधायक अपनी जिम्मेदारी वाले विधानसभा क्षेत्र में काम करें। मालूम हो कि अगले कुछ महीने में मध्य प्रदेश में 25 विधानसभा सीटों के उपचुनाव होने हैं। इनके नतीजों से सत्तारूढ़ भाजपा और सत्ता में खोकर विपक्ष में आ गई कांग्रेस बेहद आशान्वित है। बताया जाता है कि 90 में से छह विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस विधायक दल की बैठक को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भी संबोधित किया।
झूठे मुकदमें बनाए जा रहे
कांग्रेस के मौजूदा 90 विधायकों में से प्रवीण पाठक, लखन घनघोरिया, आरिफ अकील, कमलेश प्रताप शाह और दो अन्य विधायकों को छोड़ अन्य सभी शामिल हुए। मंडला की निवास विधानसभा सीट के विधायक डॉ. अशोक मर्सकोले ने कहा कि राज्य सरकार दबाव बना रही है। मुझ पर झूठा मुकदमा बनाया गया है। इस पर कुछ विधायकों ने कमल नाथ और अन्य नेताओं को कहा कि हमारी सरकार के 15 महीने के कार्यकाल में कभी राजनीतिक द्वेषभावना से प्रकरण दर्ज नहीं किए गए। इसलिए आगे यह ध्यान रखना चाहिए और जब भी मौका मिले तो कार्रवाई करना चाहिए।
आज भी आ रहे प्रलोभन
कुछ विधायकों ने पार्टी नेताओं को बैठक से हटकर बताया कि उन्हें आज भी प्रलोभन आ रहे हैं। अनूपपुर जिले की कोतमा विधानसभा सीट से विधायक सुनील सर्राफ ने कहा कि उसे भी 35 करोड़ का ऑफर दिया गया। वहीं, उज्जैन के तराना विधानसभा क्षेत्र के विधायक महेश परमार ने बैठक के पूर्व मीडिया से कहा कि सबसे पहले तो उन्हें व विधायक मनोज चावला को प्रलोभन दिया गया था। परमार ने कहा कि उनकी आस्था और निष्ठा कांग्रेस के साथ है और वे मरते दम तक पार्टी में ही रहेंगे।
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