
पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ईओएस-01 के प्रक्षेपण के लिए उलटी गिनती शुरू: इसरो (तस्वीर: ISRO)
ISRO to Launch Radar imaging Satellite: इसरो ने कहा है कि ईओएस-01 कृषि, वानिकी और आपदा प्रबंधन सहायता में प्रयोग किए जाने वाला एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है. दूसरे देशों के उपग्रहों को अंतरिक्ष विभाग के न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के साथ वाणिज्यिक समझौते के तहत लॉन्च किया जा रहा है.
बेंगलुरु. इसरो (ISRO) ने शुक्रवार को कहा कि प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी49 (PSLV-C49) के जरिए नौ अंतरराष्ट्रीय उपग्रहों के साथ पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ईओएस-01 के सात नवंबर को होने वाले प्रक्षेपण की उलटी गिनती शुरू हो गई है. प्रक्षेपण शनिवार को 15:02 बजे निर्धारित है. इसरो ने शुक्रवार को कहा, ‘पीएसएलवी-सी49/ईओएस-01 मिशन: सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी), श्रीहरिकोटा में पीएसएलवी-सी49/ईओएस-01 मिशन के प्रक्षेपण की उलटी गिनती आज 13:02 बजे शुरू हुई.’ भारतीय ध्रवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान अपने 51वें मिशन (पीएसएलवी-सी49) के तहत नौ अंतरराष्ट्रीय विदेशी उपग्रहों के साथ ईओएस-01 को प्राथमिक उपग्रह के रूप में प्रक्षेपित करेगा.
चंद्रयान २ पर बोली सोनिया-प्रियंका गांधी, हम इसरो वैज्ञानिकों के कर्जदार हैं
इसरो ने कहा है कि ईओएस-01 कृषि, वानिकी और आपदा प्रबंधन सहायता में प्रयोग किए जाने वाला एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है. दूसरे देशों के उपग्रहों को अंतरिक्ष विभाग के न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के साथ वाणिज्यिक समझौते के तहत लॉन्च किया जा रहा है.
ISRO के मंगलयान ने बताया, पृथ्वी से जल्दी गुम हो रहा है मंगल का वायुमंडल
इस साल अमेरिका, चीन और यूएई ने मंगल के लिए अपने अभियान भेजे हैं. भारत के इसरो का भेजा मंगल ऑर्बिटरभी इस समय काम कर रहा है. इसरो को MOM और नासा के ऑर्बिटर की तस्वीरों और आंकड़ों का अध्ययन से मंगल ग्रह के वायुमंडल के बारे में नई बात पता चली है. इस अध्ययन का कहना है कि मंगल अपना वायुमंडल बाहरी अंतरिक्ष को पृथ्वी के मुकाबले ज्यादा तेजी से गंवा रहा है.
इन दो बातों पर निर्भर करता है यह
ऐसा केवल मंगल के साथ ही नहीं है कि वह अपना वायुमंडल बाहरी अंतरिक्ष को गंवा रहा है. बल्कि यह बात दूसरे ग्रहों पर भी उतनी ही ज्यादा लागू होती है. यह नुकसान जिस दर से होता है वह ग्रह के आकार और वायुमंडल के ऊपरी हिस्से का तापमान पर निर्भर करता है. चूंकि मंगल पृथ्वी से छोटा ग्रह है इसलिए वह तेजी से अपना वायुमंडल खो रहा है.
धूल का वैश्विक तूफान
इसरो ने हाल ही में अपनी वेबसाइट में उन वैज्ञानिकों की पड़ताल को पोस्ट किया जिन्होंने इसरो में MOM और नासा MAVEN के भेजे आंकड़ों और तस्वीरों का अध्ययन किया. इन तस्वीरों के आधार पर शोधकर्ताओं ने मंगल पर धूल के वैश्विक तूफान (global dust storm) का अध्ययन किया जो साल 2018 में जून जुलाई के महीने में इस ग्रह पर छा गया था. यह तूफान मंगल ग्रह के मौसमी विशेषताओं में से एक है.
चंद्रयान की सफल प्रक्षेपण ने आशा से ज्यादा सफलता हासिल कर ली है – के शिवन इसरो प्रमुख