भारत ने 16 देशों के साथ किया ‘एयर बबल पैक्ट’, जानिए क्या है ये

 

नई दिल्ली. कोरोनावायरस (Corona virus) के मद्देनजर नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने गुरुवार को बताया कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए 16 देशों के साथ ‘एयर बबल पैक्ट’ (Air Bubble Pact) पर हस्ताक्षर किए हैं. उन्होंने बताया कि सरकार ओमान, भूटान, अमेरिका, कनाडा, जर्मनी से पहले ही यह समझौता कर चुकी है. सरकार इटली, बांग्लादेश, कजाकिस्तान, यूक्रेन से समझौता करने पर चर्चा कर रही है.

बता दें कि ‘एयर बबल पैक्ट’ एक द्विपक्षीय हवाई कोरिडोर है जो कोरोनोवायरस के कारण विभिन्न देशों द्वारा लगाए गए यात्रा प्रतिबंध के बीच उन्हें राहत देने के लिए स्थापित किया जा रहा है. प्रतिबंध के बावजूद सरकार विदेशों में फंसे भारतीय को लाने के लिए प्रत्यावर्तन अभियान शुरू करने वाले देशों में से एक है. इसके तुरंत बाद, सरकार ने ‘एयर बबल पैक्ट’ के जरिए यात्रा को आसान बनाने के लिए स्थापित करने का विचार किया.

सरकार 6 मई से अब तक विदेशों में फंसे 20 लाख भारतीय को स्वदेश ला चुकी है. उड्डयन मंत्री ने बताया कि ‘वंदे भारत मिशन’ (Vande Bharar Mission) के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन हो रहा है. इससे 17,11,128 प्रवासी भारतीयों को स्वदेश लाया जा चुका है और 2,97,536 ने देश से बाहर गए हैं. जो यात्री अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें ‘एयर बबल पैक्ट’ की इन नियमों को जाने लेना जरूरी है.

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भारत ने शुरुआती दौर में अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस के साथ ‘एयर बबल पैक्ट’ पर हस्ताक्षर किए हैं. जिन 16 देशों के साथ भारत ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं उनमें फ्रांस, जर्मनी, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, मालदीव, यूएई, कतर, बहरीन, इराक, अफगानिस्तान, जापान, केन्या, भूटान और ओमान शामिल हैं.

क्या है एयर बबल पैक्ट
एयर बबल पैक्ट दो देशों के बीच वाणिज्यिक उड़ान सेवाएं को फिर से शुरू करने की एक अस्थायी व्यवस्था है, जो कि कोरोनावायरस के कारण बंद पड़ी है. व्यवस्था के तहत, दोनों देशों की एयरलाइनों को संचालित करने की अनुमति है. इसके विपरीत मिशन वंदे भारत में केवल भारत को ही उड़ान संचालित करने की अनुमति है।

वंदे भारत मिशन और एयर बबल पैक्ट में अंतर
एयर बबल पैक्ट (Air Bubble Pact) दो देशों के बीच एक द्विपक्षीय समझौता है जो बिना सरकारी पंजीकरण के स्वतंत्र रूप से यात्रा करने की अनुमति देता है. लेकिन वंदे भारत मिशन में यात्री को देश से बाहर जाने के लिए भारतीय दूतावास में खुद को पंजीकृत करवाना आवश्यक है. ABP में दोनों देशों के पास उड़ान बढ़ाने के विकल्प और कीमतों को कम करने की अनुमति होती है. लेकिन वंदे भारत मिशन में किसी उड़ान को स्वतंत्र रूप से उड़ान भरने की अनुमति नहीं है.

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क्या एयर कोरिडर के तहत टूरिस्ट वीजा लागू होगा
जी हां, दुबई, बहरीन, अफगानिस्तान जैसे कुछ देशों ने कुछ प्रतिबंधों के साथ पर्यटकों को देश में उड़ान भरने की अनुमति दी है। हालांकि, अभी भी अधिकांश उड़ाने बाहर फंसे भारतीय नागरिकों, ओसीआई कार्ड धारकों और राजनयिकों को वतन वापस भेजने के लिए उड़ान भर रही हैं. यदि किसी देश ने पर्यटक वीजा की अनुमति नहीं दी है, तो भारतीय नागरिक इन देशों के लिए उड़ान नहीं भर सकते हैं। आपको उन देशों में प्रवेश करने के लिए वैध वीजा की आवश्यकता होगी जो पर्यटक गतिविधियों की अनुमति नहीं देते हैं।

क्या इस समझौते में और देशों को जोड़ा जाएगा
उड्डयन मंत्री ने बताया है कि सरकार इस समझौते के तहत अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन के लिए अन्य देशों से भी बातचीत कर रही है. इन देशों में इटली, बांग्लादेश, कजाकिस्तान, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इजराइल, फिलीपींस, रूस, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, यूक्रेन और थाईलैंड शामिल हैं.

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क्या एयर बबल पैक्ट देशों में उड़ान भरने के लिए कोई प्रतिबंध हैं?
हां, सभी देश सभी श्रेणियों के वीजा की अनुमति नहीं दे रहे हैं। यह केवल एयर बबल समझौते के अंतर्गत आने वाले देशों के ही बीच है. इसमें आपको देश के भीतर और बाहर उड़ान भरने के लिए ऑनलाइन और दूतावास में खुद को पंजीकरण करने जैसी अतिरिक्त कागजी कार्रवाई करने की जरुरत नहीं है. उदाहरण के लिए, भारत में वैध पर्यटक वीजा (टूरिस्ट वीजा) रखने वाले लोगों को अनुमति नहीं है।

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