उदयपुर में धड़ल्ले से हो रहा लड़कियों का सौदा, मां-बाप को भी पता नहीं लगने देते दलाल

०-धीरज रावल की रिपोर्ट

उदयपुर:  जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र कोटड़ा में लड़कियों के सौदागरों का आतंक लगातार फैल रहा है. आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में अनपढ़ और गरीब परिवार का फायदा उठाकर क्षेत्र में पहले दलाल लड़कियों को मजदूरी कराने के नाम पर यहां से गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सहित राजस्थान के कई इलाकों में ले जाया जाता है परंतु यह लड़कियां वापस अपने घर नहीं लौट पाती है.

 

बता दें कि यहां पर पहले दलाल जबरन लड़कियों को मजदूरी के लिए यहां से ले जाते हैं एवं माता-पिता की बिना अनुमति उनका सौदा कर देते हैं. परिवार जनों की मानें तो आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में अनपढ़ और गरीबी का फायदा उठाकर यह दलाल अन्य राज्यों में लड़कियों को मजदूरी के नाम पर ले जाकर इन्हें वहां पर बेच दिया जाता है.

 

कई बार परिवार जन द्वारा लड़कियों के घर वापस नहीं आने के मामले भी पुलिस थाने में दर्ज कराएं हैं, जिसमें कई ऐसे संगीन मामले जो परिवार के साथ खेती या मजदूरी करने जाने वाली लड़कियों को जबरन खेत मालिक ही दलालों को बेच देते हैं. यहां रहने वाले आदिवासी परिवार के लोगों की मांग है कि पुलिस इन दलालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें, जिससे क्षेत्र में फैल रहे लड़कियों के सौदागरों को जेल की सलाखों के पीछे भेजें, जिससे क्षेत्र की लड़कियों को कैद से छुटकारा मिल पाए और भविष्य में ऐसी कोई लड़की मजदूरी के नाम पर बेची जाने से रोकी जा सके.

 

आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में ऐसे चलता है लड़कियों के सौदागर का रैकेट
आदिवासी समुदाय में गरीबी का फायदा उठाकर सौदागर अन्य राज्यों में मजदूरी के नाम पर यहां से लड़कियों को ले जाते हैं एवं उनके माता पिता की बिना अनुमति के अन्य राज्यों के अविवाहित लड़कों या बुजुर्गों से शादी तक करवा देते हैं. कई मामलों में राज चलती या अन्य जगह मजदूरी करने गई युवती का सौदा 4 ₹ लाख में कर दिया जाता है. जहां से वह लड़कियां वापस अपने गांव नहीं आ पाती.

 

लड़कियों के परिजनों द्वारा थाने में मामला दर्ज नहीं कराने की धमकी तक यह सौदागर परिजनों को दे देते हैं और अपना मुंह पुलिस के सामने नहीं खुलने के एवज में सुधा गुरु द्वारा 50 हजार से लेकर ₹1 लाख की राशि तक परिवार वालों को दे देते हैं. कई मामलों में परिजनों द्वारा पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने के बाद दलाल जेल तो जाते हैं लेकिन कुछ ही दिन में वह जमानत पर रिहा होकर वापस बेखौफ सोकर लड़कियों के सौदा करने में जुट जाते हैं.

केस नंबर वन 
पीड़ित परिवार को मिली धमकी खौफ ऐसा कि पिता पुत्री घर छोड़कर चले गए. यह पूरा मामला कोटड़ा थाना क्षेत्र के गुड़ा गांव का है, जहां पीड़ित रेणुका पुत्री सोमला जोगी उम्र 19 वर्ष को सौदागरों ने सिरोही जिले के बरलूट थाना क्षेत्र में किसी बुजुर्ग से ₹2.5 लाख में शादी करवा दी. पीड़िता किसी तरह बुजुर्गों के चंगुल से भागकर 22 दिन बाद पैदल अपने घर लौटी. जब पूरा मामला पीड़िता ने आकर अपनी जुबान से बयान किया तो पता चला ठगी का शिकार हुए. बुजुर्ग ने दलाल बीरबल पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया.

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सिरोही पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में सौदागर बीरबल को गिरफ्तार किया. रेणुका ने आरोप लगाते हुए बताया कि घरेलू कामकाज को लेकर वह अपने गांव से कोटड़ा आ रही थी कि दिलावर खान नाम युवक ने उसे वाहन में बिठाया और कोटड़ा छोड़ने की बात कही लेकिन दिलावर एवं सहयोगी बीरबल ने उसे अन्य जगह ले जाकर जबरन एक बुजुर्ग से शादी करवा दी. बीरबल की गिरफ्तारी होने के बाद अन्य आरोपियों द्वारा पीड़िता के घर जाकर पिता चावला जोगी को गवाही देने पर जान से मारने की धमकी दी, जिसके डर से पिता और पुत्री घर छोड़कर अन्यत्र जगह चले गए.

 

केस नंबर 2
मंडवाल निवासी शिल्पा पुत्री बिका पार की उम्र 17 वर्ष अपने परिवार के साथ मजदूरी के लिए 2018 में उड़ीसा शहर गुजरात गए हुए थे, जहां खेत मालिक ने माता-पिता को कामकाज के लिए खेत पर भेज दिया और पुत्री शिल्पा को किसी अन्य दलाल को लड़की का सौदा कर दिया. माता-पिता ने जब शिल्पा के बारे में पूछा तो खेत मालिक ने मात्र ₹40000 देकर घर रवाना कर दिया. इसके बाद पिता मीका ने उसी समय डीसा गुजरात पुलिस में मामला दर्ज कराया लेकिन अभी तक उतरी शिल्पा का कोई सुराग तक नहीं मिल पाया है.

यह देह व्यापार की सरगना पूरी होटल ही किराये पर लेती थी, रजिस्टर में दर्ज किया जाता था…….

केस नंबर 3
कोटड़ा उपखंड के मामेर निवासी जोशी पुत्री कालू बामणिया उम्र 15 वर्ष अपने परिवार के साथ मजदूरी के लिए 2016 में गुजरात के ईडर शहर में गए हुए थे, जहां खुद खेत मालिक ने परिजनों की अनुपस्थिति में जोसी को दलालों के साथ सौदागर अन्य जगह भेज दिया. परिजनों ने खेत मालिक के खिलाफ गुजरात में मुकदमा दर्ज कराया. उसके बाद खेत मालिक ने परिजनों को मजदूरी कराने से मना करते हुए घर के लिए रवाना कर दिया. परिजनों ने नाबालिग पुत्री को ढूंढने के लिए काफी प्रयास किए लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद भी अब तक जोशी का पता नहीं लग पाया है.

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Source :Zee news hindi