पालघर लिंचिंग मामले में तीन पुलिसकर्मी बर्खास्त, तीन साधुओं को घेर कर मार डाला था


पालघर
महाराष्ट्र के पालघर लिंचिंग मामले में तीन पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। इनमें असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर आनंदराव काले शामिल है जो वारदात के समय पालघर के कासा थाने का प्रभारी था। बर्खास्त होने वालों में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर रवि सालुंके व कांस्टेबल नरेश धोडी भी शामिल हैं।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तीनों पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी के संबंध में कोंकण रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ने शनिवार को आदेश जारी किया है। पालघर लिंचिंग मामले में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था।

बता दें कि 16 अप्रैल, 2020 को देश में लगे लॉकडाउन के दौरान मुंबई के कांदीवली स्थित एक आश्रम में रहने वाले सुशील गिरि दो साथियों अपने कल्पवृक्षगिरी महाराज (70) और निलेश तेलगाडे (30) के साथ किराए के वाहन से किसी के अंतिम संस्कार में भाग लेने सूरत जा रहे थे।

गाड़ी महाराष्ट्र के अंदरूनी हिस्से से होकर गुजर रही थी। उनके वाहन को वन विभाग के एक संतरी ने महाराष्ट्र एवं केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली की सीमा पर स्थित गढ़चिचले गांव के पास रोका। क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से रात में फसल काटने एवं बच्चा चुराने वाला गिरोह सक्रिय होने की अफवाह फैली हुई थी।
रात करीब 10 बजे सूरत जा रहे सुशील गिरि वन विभाग के संतरी से बात कर ही रहे थे, तभी गांव का एक दल आ गया।

इसमें शामिल लोगों ने गाड़ी में मौजूद लोगों की पिटाई शुरू कर दी। संतरी ने घटना की सूचना 35 किलोमीटर दूर स्थित कासा पुलिस थाने को दी। पुलिस के पहुंचने तक ग्रामीण गाड़ी में मौजूद तीनों लोगों की बुरी तरह पिटाई कर चुके थे। इस घटना के समय कुछ लोग इसका वीडियो भी बना रहे थे।

पुलिस टीम ने वहां पहुंचकर पिट रहे तीनों लोगों को अपने वाहन में बैठाया, लेकिन करीब 400 ग्रामीणों ने उन तीन यात्रियों सहित पुलिस टीम पर भी हमला बोल दिया और पुलिस की गाड़ी में ही सुशील गिरि और उनके दो साथियों की जान ले ली। इस हमले में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। हत्या के मामले में 154 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।