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बड़वाह (मनीष शर्मा) हायर सेकण्डरी के परीक्षा परिणामो में अनुत्तीर्ण व पूरक के विद्यार्थियों के तनाव को दूर करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने जन्हा एक और प्रदेश में रुक जाना नही योजना के अंतर्गत अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को कम नम्बरों वाले विषय की एक बार और परीक्षा देकर पास होने का मौका देकर उन्हें तनाव से दूर करने के सफल प्रयास किये थे।
वही दूसरी और मध्यप्रदेश राज्य ओपन बोर्ड द्वारा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 17 अगस्त से प्रारंभ होने वाली इन परीक्षाओं के लिए प्रदेश भर में परीक्षा केंद्र जिला मुख्यालय पर तय कर परीक्षार्थियों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। चूंकि वर्तमान में देशभर में कोरोना का प्रकोप बुरी तरह व्याप्त है। इसी कारण मध्यप्रदेश में तो अभी बसों की आवाजाहि भी बंद है। पिछले 2-3 दिन से बारिश निरन्तर हो रही है।
ऐसे में विद्यार्थियों को अपने अपने ग्रहग्रामो से जिला मुख्यालय तक प्रतिदिन अपने अपने परिहवन के साधनों से परीक्षा देने जाना छात्र-छात्राओं के लिए तनाव की स्थिति निर्मित कर रहा है। चूंकि अधिकतर शासकीय विद्यालयों में तो ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी है उनके पास मोटरसाइकिल की भी व्यवस्था नही है।
ऐसी विकट परिस्थितियों में परीक्षार्थी जिला मुख्यालय पर कैसे पंहुचेंगे ये सोचने की परीक्षा के आयोजक मध्यप्रदेश राज्य ओपन बोर्ड ने जहमत भी नही उठाई। उलेखनीय है कि अनेक ब्लाक मुख्यालय से जिला मुख्यालय की दूरी 50 से 80 किलोमीटर तक भी है।
परीक्षार्थियों पर पड़ेगा आर्थिक बोझ,,
चूंकि अधिकतर परीक्षार्थि आर्थिक रूप से कमजोर होते है उन्हें 2-3 पेपर देने के लिए प्रतिदिन जिला मुख्यालय पर जाने के वाहन का पेट्रोल डीजल खर्च वहन करना पड़ेगा या जिला मुख्यालय पर ही रहने के लिए लाज में महंगे किराये के कमरे लेकर रुकना पड सकता है।इधर रुक जाना नही के अंर्तगत परीक्षा देने के लिए ऑनलाइन फीस भी परीक्षार्थि 1000 से 1500 रुपये जमा कर चुके है।
हर ब्लाक से हो सकते है 150 से 200 परीक्षार्थी,,
प्रदेश भर में आयोजित की जा रही इन परीक्षाओं में हर ब्लाक में ग्रामीण और शहरी छात्र छात्राओं की संख्या 150 से 200 तक हो सकती है।
ब्लाक मुख्यालय पर हो परीक्षा,,
हर वर्ष जिला मुख्यालय पर आयोजित की जाने वाली इस परीक्षा को कोरोना महामारी के चलते इस वर्ष ब्लाक मुख्यालय पर ही आयोजित करने की मांग विधार्थी कर रहे है। अगर स्कूली शिक्षा विभाग के मंत्री इंदर परमार इस मामले में रुचि लेकर राज्य ओपन बोर्ड को जिले की अपेक्षा ब्लाक मुख्यालय पर परीक्षा कराने के निर्देश दे तो प्रदेश भर के हायर सेकंडरी के परीक्षार्थियो के लिए यह राहत भरा निर्णय हो सकता है।