सनावद:- “अगर जन्म नही मिलता तो संयम कैसे मिलता” इस भाव भरी पंक्ति को चरितार्थ करते हुवे सनावद नगर में चातुर्मासरत डॉ. आचार्य श्री 108 प्रणाम सागर जी महाराज ने कहाँ की मेरा जन्म हूवा ओर में उसे संयम के राह पर चल कर सफल बना रह हु। आप को भी अपना जीवन यदि सार्थक करना हो तो आप भी मेरे दिखाये हुवे रास्ते पर चलिये।
सन्मति जैन काका ने बताया की डॉ. आचार्य श्री प्रणाम सागर जी महाराज के 20 वे संयम(दीक्षा)दिवस के अवसर पर 5 दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रातः बड़े जैन मंदिर में श्रीजी का पंचामृत अभिषेक व सामूहिक पूजन सभी समाजजनो के द्वारा किया गया तत्पश्चात शान्तिसागर वर्धमान देशना संत निलय में आचार्य श्री का 20 परिवारों के द्वारा सर्वप्रथम आचार्य श्री के पाद प्रकछालन किया गया
ततपश्चात 20 परिवारों के द्वारा आचार्य श्री को शास्त्र भेंट किये गये। अगली कड़ी में आचार्य श्री सान्ति सागर जी आचार्य वर्धमान सागर जी आचार्य पुष्पदंत सागर जी महाराज के महा अर्घ समर्पित किये गये व आचार्य श्री प्रणाम सागर जी महाराज की सभी समाजनों ने बहूत ही भक्ति भाव से पूजन की। इस अवसर पर देश विदेश से ज़ूम ऐप्प व प्रणाम टीवी के माध्यम से जुड़े भक्तों ने आचार्य श्री के प्रति अपनी विनियाजली समर्पित की।
रिंकु जैन पार्टी ने पूरे कार्यक्रम को अपने शुमधुर भजनों से भाव विभोर कर दिया अगली कड़ी में दोपहर में सर्वप्रथम त्री आचार्यो के समक्ष बांसवाड़ा खंडवा भीकनगांव व इंदौर के भक्तों के द्वारा दीप प्रजलन कर कार्यक्रम की शरुवात की ततपश्चात बांसवाड़ा से आये अनुष्टाचार्य पंडित कपिल जी भैय्या के द्वारा मंगलाचरण संपन्न किया गया। अगले क्रम में बांसवाड़ा से आई स्वेता जैन ने आचार्य श्री का जीवन परिचय प्रस्तुत किया ।
जैसा की ज्ञात होंकी आचार्य श्री जन्म 9 ऑकटुम्बर 1972 को यवत ग्राम तहसील-दौणद जिला -पूना(महाराष्ट्र) में हूवा था आप जा पूर्व कानाम सेसंजीव कुमार था आप ने एमकॉम की पढ़ाई की व 2009 में आप ने भक्ताम्बर पर पी.एच.डी कर आप को डॉक्टरेट की उपाधी से विभूषित किया गया है आप ने मुनि दीक्षा 13 ओकटुम्बर 2000को नवीन शाहदरा दिल्ली में आचार्य श्री 108 पुष्पदंत सागर जी महाराज से ग्रहण की थी।
डॉ आचार्य श्री 108 प्रणाम सागर जी महाराज का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में दर्ज
डॉ आ.श्री 108 प्रणाम सागर जी महाराज के लिये आज का दिन शुनहरे पन्नो में लिखा गया । आज आचार्य श्री के 20 वे संयम(दीक्षा)महामहोत्सव में पहली बार दिगम्बर जैन समाज के सर्वोच्च ग्रन्थ भक्ताम्बर जी के पाठ का दिगम्बर आचार्य परम्परा का निर्वहन कर रहे 48 आचार्यो के द्वारा क्रम बध रूप से एक एक काव्य का उच्चारण कर के वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया । जो अपने आप मेंसनावद नगर के लिये एक अविस्मरणीय व अदभुत छण था ।
इस अवसर पर 48 आचार्यो के छाया चित्र का अनावरण इंदौर से पधारे विशेष अतिथि गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड के ऑब्जर्वर डॉ. राजेन्द्र जी दुबे व पं.योगेंद्र जी महंत राष्ट्रीय अध्यक्ष विश्व ब्राह्मण संघ एवं पूर्व राज्य मंत्री के द्वारा किया गया ।इस वर्ल्ड रेकॉर्ड की घोषणा गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड के ऑब्जर्वर श्रीमान डॉ. राजेन्द्र जी दुबे के द्वारा सभा मे की गई। कार्यक्रम का संचालन प्रदीप छाबडा खंडवा व प्रसांत चौधरी ने किया
इसके पश्चात ज़ूमआई डी व प्रणाम टीवी के माध्यम से देश ही नही विदेश से गुरुभक्तों ने अपनी आचार्य श्री के प्रति विनियंजली प्रस्तुत की।
इस अवसर पर मुनि सेवा समिति के अध्यक्ष मुकेश जैन ,हेमन्त काका,शुधीर जैन,आशीष जैन,आलोक जैन,सरल जटाले, अखिलेश घाटे,सुनील मास्टर साब,अक्षय सराफ,निमिष जैन,अंकित जैन,राहुल स्वस्तिक,मंजुला चाची,उर्मिला जैन, मीना जटाले, प्रियंका पंचोलिया, राधिका जटाले, चंदा पाटनी, पुष्पा जैन सहित सभी समाजजन उपस्थित थे