
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन के मुताबिक भारतीय लोगों का बॉडी मास इंडेक्स बदल गया है.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (National Institute of Nutrition) के मुताबिक भारतीय लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (Body Mass Index) बदल गया है. यानी अब 65 किलो वजन वाले पुरुष और 55 किलो वेट वाली महिलाएं फिट मानी जाएंगी.
बदलाव जीवन का हिस्सा है. समय के साथ जीवन के हर हिस्से में बदलाव होता है. फिर चाहे आपका खान-पान हो या रहने, पहनने का तरीका. हमारे देश भारत में भी कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं. जहां जीवनशैली (Lifestyle) के हर हिस्से में फर्क आया है, वहीं भारत के महिला और पुरुषों के वजन में भी बदलाव आया है. साथ ही उनकी ऊंचाई में भी परिवर्तन हुआ है. एनबीटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में एक दशक पहले जो बॉडी मास इंडेक्स (Body Mass Index) था, उसमें अब परिवर्तन आ चुका है. आज से पहले यानी एक दशक पहले की बात करें तो महिलाओं (Women) का औसत वजन 50 किलोग्राम था. वहीं अब इसे 55 किलोग्राम कर दिया गया है. वहीं भारतीय पुरुषों का औसत वजन तब 60 किलोग्राम था. हालांकि अब इसे बढ़ाकर 65 किलोग्राम कर दिया गया है. यह कह सकते हैं कि भारतीय लोग जिनमें महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं, उनका वजन अब 5-5 किलोग्राम बढ़ गए हैं.
क्या होता है बीएमआई (BMI)
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (National Institute of Nutrition) के मुताबिक भारतीय लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (Body Mass Index) बदल गया है. यानी अब 65 किलो वजन वाले पुरुष और 55 किलो वेट वाली महिलाएं फिट मानी जाएंगी.बॉडी मास इंडेक्स के जरिए ये तय किया जाता है कि किसी व्यक्ति के शरीर के मुताबिक उसका वजन और ऊंचाई कितनी होनी चाहिए. अगर यह ऊंचाई और वजन बीएमआई के तय किए गए मानक से ज्यादा हो तो इसे शरीर के लिए उचित नहीं माना जाता.
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सिर्फ यहां के महिला पुरुषों का वजन में ही यह बदलाव नहीं आया, बल्कि उनकी ऊंचाई में भी परिवर्तन हुआ है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन ने भारतीय लोगों की ऊंचाई को भी बढ़ा दिया है. एक दशक पहले की बात करें तो यहां के पुरुषों की ऊंचाई 5 फीट 6 इंच थी और महिलाओं की हाइट 5 फीट थी. मगर इस साल इनकी हाइट भी बदलाव किया गया है. यानी अब भारतीय पुरुषों की ऊंचाई 5 फीट 8 इंच कर हो गई है.
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इसके अलावा महिलाओं की हाइट में भी बदलाव आया है. बदलाव के बाद अब यह 5 फीट 3 इंच कर दी गई है. वहीं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन के वैज्ञानिकों मुताबिक देश के लोगों के बॉडी मास इंडेक्स में इस बदलाव के पीछे वजह है कि लोग जो पोषक खाद्य पदार्थ खाते हैं, उसमें इजाफा हुआ है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन की ओर से जारी 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय महिलाओं और पुरुषों की रेफरेंस एज में भी बदलाव किया गया है. 2010 में यह 20-39 थी, अब इसकी जगह 19-39 कर दिया गया है. इस साल विशेषज्ञों के पैनल ने इसके लिए पूरे देश का डेटा शामिल किया.
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