
भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों की संख्या 52 लाख पार कर गई है.
मेडिकल ऑक्सीजन (Medical Oxygen) को आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल किया गया है. इसे बीमारियों के उपचार के दौरान मरीज में होने वाली ऑक्सीजन की कमी पूरी की जाती है और सांस लेने में आसानी रहती है. यह WHO की आवश्यक स्वास्थ्य दवाओं में शामिल है. आइए जानते हैं इसके बारे में…
नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों की संख्या 52 लाख पार कर गई है. राज्यों में मेडिकल सिस्टम पर बहुत ज्यादा दबाव है. हालांकि, अभी तक स्थिति नियंत्रण से बाहर नहीं हुई. ऐसे में आने वाले दिक्कतों से बचने के लिए केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन (Medical Oxygen) के मामले पर संज्ञान लिया है. सरकार ने एक राज्य से दूसरे राज्य में ऑक्सीजन लेकर जाने में प्रतिबंध नहीं लगाने के निर्देश दिए हैं.
केंद्र सरकार के निर्देश से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बीच आक्सीजन के लिए केंद्र सरकार का निर्देश परेशानी बन गया. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में मामला जाने के बाद महाराष्ट्र को आदेश दिया गया कि वह एमपी को ऑक्सीजन सप्लाई करे. जिलों के बीच भी इस तरह ऑक्सीजन पर प्रतिबंध देखा गया है. न्यूज 18 मेडिकल ऑक्सीजन के बारे में आपको कुछ अहम जानकारियां दे रहा हैं.
मेडिकल ऑक्सीजन क्या है?
मेडिकल ऑक्सीजन को आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल किया गया है. इसे बीमारियों के उपचार के दौरान मरीज में होने वाली ऑक्सीजन की कमी पूरी की जाती है और सांस लेने में आसानी रहती है. यह WHO की आवश्यक स्वास्थ्य दवाओं में शामिल है. मेडिकल ऑक्सीजन में कम से कम 82 फीसदी शुद्ध ऑक्सीजन मानते हैं. नवजात बच्चे की देखभाल के लिए आपातकाल में भी इसका उपयोग होता है.
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