कूनो नेशनल पार्क से चीता गांव पहुंचे, एक बछड़े पर हमला किया, गांव वालों ने किया ये काम

मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के भैरोपुरा गांव में एक ऐतिहासिक और रोमांचक घटना सामने आई जब कूनो नेशनल पार्क की मादा चीता ज्वाला अपने चार शावकों के साथ पहली बार पार्क की सीमा लांघकर ग्रामीण क्षेत्र में पहुंची। यह घटना रविवार रात की है जब ये चीते भटकते हुए गांव की ओर आ गए और सोमवार सुबह एक बछड़े पर हमला कर दिया। इस अप्रत्याशित दृश्य से गांव में अफरा-तफरी मच गई।

ग्रामीणों ने पत्थर और लाठियों से भगाए चीते

चीता ज्वाला द्वारा बछड़े पर किए गए हमले के दौरान उसके चार शावक भी साथ मौजूद थे। जैसे ही ग्रामीणों ने यह दृश्य देखा, उन्होंने मवेशियों की रक्षा के लिए पत्थर और लाठियों का सहारा लिया। ग्रामीणों ने बिना किसी देरी के साहस दिखाते हुए चीतों को भगाने का प्रयास किया। हालांकि इस दौरान ग्रामीणों की चिंता मवेशियों की सुरक्षा को लेकर थी।

इसे भी पढ़ें- SBI एटीएम में निकले चूरन वाले नोट, जांच में बड़ा खुलासा

वन विभाग की तत्परता और मुआवजे का आश्वासन

कूनो नेशनल पार्क की निगरानी टीम तुरंत मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। वन विभाग ने ग्रामीणों को समझाया कि बछड़े की क्षति का पूरा मुआवजा दिया जाएगा और उनसे आग्रह किया कि वे चीतों को कोई नुकसान न पहुंचाएं। हालांकि ग्रामीणों का कहना था कि वे अपने मवेशियों को किसी भी कीमत पर शिकार बनते नहीं देख सकते।

पार्क की सीमा से बाहर आने का पहला मामला

यह पहली बार था जब मादा चीता ज्वाला और उसके चार शावक पार्क की सीमा से बाहर आए। लगभग एक महीने पहले इन्हें खुले जंगल में छोड़ा गया था ताकि वे प्राकृतिक वातावरण में ढल सकें। यह घटना वन्यजीवों की गतिविधियों और मानव क्षेत्रों के बीच बढ़ते टकराव को दर्शाती है।

इसे भी पढ़ें- Samsung Galaxy A26 5G भारत में लॉन्च, दमदार फीचर्स और कीमत जानें

चीते जंगल में लौटे

हमले के बाद दोपहर होते-होते चीता ज्वाला और उसके शावक वापस कूनो के जंगलों में लौट गए। वन विभाग ने स्थिति को देखते हुए एक 15 सदस्यीय विशेष निगरानी दल तैनात किया है, जो 24 घंटे चीतों की गतिविधियों पर नजर रखेगा। विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि किसी भी चीता दिखने की सूचना तुरंत दी जाए और जानवरों से छेड़छाड़ न करें।