नई दिल्ली. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने मानसून सत्र के दौरान लोकसभा (Lok Sabha) में कहा कि राज्यों को वस्तु व सेवाकर (GST) के नुकसान के मसले पर केंद्र सरकार (Central Government) अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट रहा है.
विपक्ष के आरोपों के बीच उन्होंने कहा कि नुकसान की भरपाई के मामले पर जीएसटी परिषद ही विचार कर कोई रास्ता निकालेगी. उन्होंने साफ किया कि देश के कंसॉलिडेटेड फंड से इस नुकसान की भरपाई का कोई प्रावधान नहीं है. अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति भुगतान के मामले में वह पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के वादे का सम्मान करेंगी.
‘राज्यों के जीएसटी नुकसान की भरपाई सेस फंड से होनी चाहिए’
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि हम राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर जीएसटी परिषद में चर्चा करेंगे. परिषद चर्चा करेगी कि किस प्रकार राजस्व भरपाई के लिए कर्ज लिया जा सकता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि राज्यों को इस नुकसान की भरपाई सेस फंड से होनी चाहिए.
उनके जवाब के बाद लोकसभा ने वर्ष 2020-21 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच और संबंधित विनियोग विधेयक को मंजूरी दे दी. इसके तहत 2,35,852 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च के लिए संसद से मंजूरी मांगी गई. साथ ही निचले सदन ने वर्ष 2016-17 की अतिरिक्त अनुदान मांगों को भी मंजूरी दे दी.
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बचे विपक्ष, किसी राज्य का पैसा नहीं रोका
लोकसभा में पलटवार करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, ‘विपक्ष को ये अफवाह फैलाने से बचना चाहिए कि केंद्र कोविड-19 के मुश्किल हालात में भी राज्यों का पैसा रोक रहा है. हम किसी राज्य का पैसा नहीं रोक रहे हैं. राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के मामले में केंद्र अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट रहा है.
इस दौरान उन्होंने साफ किया कि कोरोना वायरस की वजह से राजस्व में हुए नुकसान की भरपाई के लिये टैक्स की दरें बढ़ाने पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है. बता दें कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान राज्यों को जीएसटी राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी रहने का अनुमान है.
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‘केंद्र के टैक्स कलेक्शन में कमी के बाद भी राज्यों को दिया पैसा’
केंद्र सरकार का मानना है कि राज्यों को जीएसटी से होने वाली आमदनी में से 1.38 लाख करोड़ रुपये की कमी कोविड-19 महामारी की वजह से आएगी. बता दें कि गैर-भाजपा शासित छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिये बाजार से उधार लेने के विकल्प का विरोध किया है. पश्चिम बंगाल, केरल,
दिल्ली, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु ने इसे राज्यों पर बोझ बढ़ाने वाला बताया है. इस दौरान वित्त मंत्री ने बताया कि केंद्र के टैक्स कलेक्शन में 29.1 फीसदी की गिरावट आई है, लेकिन राज्यों को बिना किसी रुकावट के पैसा जारी किया गया है.
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हैं अतिरिक्त 40 हजार करोड़ रुपये’
वित्त मंत्री ने बताया कि मनरेगा के लिये अतिरिक्त 40 हजार करोड़ रुपये रखे गए हैं. इसके अलावा इस बार के बजट में 61 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. मनरेगा के लिये इस बार एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राशि हो गई है. वहीं, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 537 अरब डॉलर से ज्यादा का हो गया है,
जो 19 माह के आयात के लिये काफी है. एफडीआई भी बढ़ा है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था पर मजबूत भरोसे का संकेत है. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की समस्या से निपटने के लिए अब तक कोई इलाज और टीका नहीं बना है. जीडीपी में गिरावट को लेकर की गई आलोचना पर सीतारमण ने कहा कि पूरी दुनिया में ऐसे ही हालात हैं.
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