लापरवाही/मोरटक्का पुल बंद होने से वैकल्पिक मार्ग पर रेंग रहे वाहन,नहर से सटे होने के कारण दुर्घटना की संभावना

 

०-मंगलसिंह ठाकुर की रिपोर्ट

ओंकारेश्वर – मोरटक्का पुल बंद होने के कारण वैकल्पिक सड़क एक्वाडक्ट मार्ग की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि मात्र दो किलोमीटर की दूरी को तय करने के लिए कम से कम आधा घंटे का समय लगता है। थोड़ी बारिश होने पर पूरी सड़क दल-दल बन जाती है। सूखे दिनों में खाई नुमा गड्ढे और पत्थरों से होकर धूल फांकते हुए गुजरना पड़ता है।

मरीज को ले जाना मुश्किल

इस सड़क से गुजरने वाले गांवों मरीजसे यदि कोई बीमार हो जाए और उसे आनन-फानन में बडवाह या इंदौर इलाज के लिए ले जाना पड़े तो काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। ओंकारेश्वर सहित क्षैत्रवासीयों को आए दिन इस समस्या से गुजरना पड़ता है।

मोरटक्का पुल पर अवागमन फिलहाल बंद है। बुधवार को एनएचएआई एवं एमपीआरडीसी के अधिकारियो द्वारा पुल का निरिक्षण किया गया था। निरिक्षण में डिटेल जांच की बात कही गई है। जिसमे सम्भावना जताई गई थी की इस पूरी प्रक्रिया के चलते पुल पर आगामी 10 दिनों तक आवागमन शुरू नही हो पायेगा। अब इंदौर से खंडवा आने-जाने वाले यात्रियों के लिए एक्वाडक्ट पुल पर ही अवागमन का एकमात्र साधन है। यही कारण है बीते 8 दिनों से नहर किनारे बने पहुंच मार्ग पर दिनभर वाहनों की रेलमपेल देखी जा सकती है।

खाईनुमा गड्डे एवं संकरा रास्ता होने के कारण यहाँ दिन में कई बार जाम जैसे हालत देखे जा सकते है। कई बार आयशर जैसे बडे वाहन भी इस पर से निकलते देखे गए है। ऐसे में इस मार्ग पर दुर्घटना की सम्भावना से इंकार नही किया जा सकता है।

उल्लेखनीय है की क्षतिग्रस्त पुल पर बेरीकेट्स लगे होने के बावजूद आमलोग जाने का प्रयास करते है। इसी बेरीकेट्स पर अब जाली लगा दी गई है।

ताकि उन्हें पुल पर जाने से रोका जा सके। नगर के समाज सेवी प्रदिप ठाकुर पत्रकार रमाकांत शर्मा ने इस पुल की जांच व मरम्मत होने तक एक्वाडक्ट पुल से छोटे वाहनों को निकालने की मांग करते हुए बताया कि अभी वाहनों को नए पुल से ही निकाला जा रहा है परन्तु नए पुल का नहर के किनारों पर बना पंहुच मार्ग भी पूरी तरह जर्जर हो रहा है। वर्तमान में वैकल्पिक रूप में इस मार्ग का दुरुस्तीकरण किया जाना अत्यंत जरूरी है।

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