नई दिल्ली. इस वक्त खेती-किसानी से जुड़े सवालों पर भले ही विपक्ष मोदी सरकार को घेर रहा है, लेकिन सच तो ये है कि साल 2014 में एनडीए की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों (Farmers) से जुड़े मसलों को अपने एजेंडे में सबसे ऊपर रखा था.
अन्नदाताओं के लिए उन्होंने दो ऐसे काम किए जिसे करने की हिम्मत आजादी के बाद से अब तक किसी और प्रधानमंत्री ने नहीं दिखाई थी. ये दो काम थे उन्हें सम्मान और सहयोग देने का. आज 17 सितंबर को उनका जन्मदिन (PM Modi Birthday) है. आज हम बात करेंगे किसानों के लिए किए जाने वाले उनके कामों की.
खेती-किसानी को लेकर उनकी दिलचस्पी इसी बात से दिखती है कि उन्होंने कृषि बजट (Agriculture Budget) में जबरदस्त वृद्धि कर दी है. यूपीए सरकार ने 2013-14 में कृषि क्षेत्र के लिए 27,049 करोड़ रुपये का बजट दिया था, जो मोदी सरकार के समय 1.60 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है.
सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा हुआ है. इसे हासिल करने के लिए एक लॉन्ग टर्म प्रोग्राम बनाया गया है. पहला कैसे प्रोडक्टिविटी बढ़ाई जाए. दूसरा उत्पादन लागत कम कैसे हो. तीसरा मार्केट की उपलब्धता बढ़े और चौथा उचित मूल्य मिले. इन्हीं पहलुओं पर सरकार काम कर रही है.
किसानों के मसलों को काफी तरजीह देते हैं पीएम मोदी
(1) पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम: मोदी सरकार ने पहली बार किसानों के अकाउंट में सीधे पैसा भेजने की शुरुआत की, ताकि उसमें भ्रष्टाचार का दीमक न लगे. देश के सभी किसान परिवारों को पीएम किसान स्कीम (Pradhan Mantri kisan Samman Nidhi Scheme) के तहत खेती करने के लिए सालाना 6000-6000 रुपये सीधे उनके बैंक खाते में दिए जा रहे हैं. अब तक 90 हजार करोड़ से अधिक की रकम किसानों को मिल चुकी है. जितनी भी योजनाएं बन रही हैं अधिकांश का लाभ अब सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में भेजने का प्लान है.
(2) किसानों के लिए खोला पद्म सम्मान का रास्ता: पीएम नरेंद्र मोदी ने न सिर्फ किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लिया है बल्कि उन्हें मान-सम्मान भी दिलाने का काम शुरू किया है. इस सरकार से पहले किसी भी किसान को पद्म सम्मान (Padma award for farmers) लायक नहीं समझा गया था.
लेकिन, इस मसले पर हो रही मांग को देखते हुए पहली बार सरकार ने किसानों को पद्म सम्मान देने का फैसला किया. खेतों में काम करने वाला किसान सम्मान लेने राष्ट्रपति भवन पहुंचा. एक साथ 11 लोगों को देश का चौथा बड़ा नागरिक सम्मान पद्मश्री दिया गया.
(3) नेशनल बैंबू मिशन: किसानों को कर्ज से उबारकर उनकी आय दोगुनी करने के लिए पीएम मोदी ने किसानों को बांस की खेती करने की अनुमति दी. इसके लिए राष्ट्रीय बांस मिशन (National Bamboo Mission) बनाया. कांग्रेस के शासन में बांस काटने पर फॉरेस्ट एक्ट लगता था.
किसान को जेल हो जाती थी, फॉरेस्ट अधिकारी और पुलिस किसान को परेशान करते थे. लेकिन अब उसे बांस की खेती और उससे संबंधित उत्पादों का बिजनेस करने का मौका मिल रहा है. जिसके तहत किसान को इसकी खेती के लिए प्रति पौधा 120 रुपये की सरकारी सहायता भी दी जा रही है. इसके लिए जनवरी 2018 में केंद्र सरकार ने बांस को पेड़ की कटेगरी से हटा दिया.
(4) पीएम किसान मानधन योजना: किसानों के मान-सम्मान के लिए पहली बार किसान पेंशन (PM kisan mandhan yojana) स्कीम शुरू की गई. अब तक तमाम किसानों के बुढ़ापे का कोई सहारा नहीं होता था. अब किसान 60 की उम्र पूरी होने के बाद हर माह 3 हजार रुपये पेंशन पाएगा. सरकार तीन वर्ष में अपने अंशदान के रूप में 10,774.50 करोड़ रुपये की राशि खर्च करेगी. इस स्कीम से देश के 20.66 लाख किसान जुड़ चुके हैं.
पहली बार पीएम मोदी ने किसानों के बैंक अकाउंट में डायरेक्ट भेजा पैसा
(5) मशीन बैंक यानी कस्टम हायरिंग सेंटर: देश में 90 फीसदी से अधिक छोटे किसान हैं. जिनके पास जमीन तो कम है ही, उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि ज्यादा दाम के आधुनिक कृषि यंत्र खरीद सकें. ऐसे लोगों के लिए निजी कृषि यंत्र बैंक (CHC-कस्टम हायरिंग सेंटर) बहुत काम के हैं. इसमें से सरकारी रेट पर कोई भी किसान मशीन ले सकता है. देश में 40 हजार से अधिक CHC हैं.
कृषि मंत्रालय ने सितंबर 2019 में CHC Farm Machinery App की शुरुआत की, जिसकी मदद से किसान उसी तरह से कृषि उपकरण मंगवा सकते हैं जैसे अभी हम ओला और उबर के ऐप से गाड़ियां मंगवाते हैं. अगर आप यह सेंटर खोलना चाहते हैं तो कमाई का अच्छा मौका है. इसके तहत आप 60 लाख रुपये तक का प्रोजेक्ट पास करवा सकते हैं. जिसमें 24 लाख रुपये की सब्सिडी मिल सकती है.