
उत्तर प्रदेश।अयोध्या ढांचा विध्वंस मामले में अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और पूर्व गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती और पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह की गवाही 4 जून को दर्ज होगी. दरअसल, दरअसल, लॉकडाउन की वजह से सभी 32 आरोपियों की तरफ से समय मांगा गया.
आरोपियों की अर्जी को मंजूर करते हुए कोर्ट ने 4 जून की तारीख तय की है. अब 4 जून को आरोपियों को कोर्ट में आना होगा. इस मामले में 8 मई, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर हर हाल में 31 अगस्त, 2020 तक सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया है.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत 31 अगस्त तक मुकदमे की सुनवाई को पूरा करे और अपना फैसला सुनाए. कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई अदालत को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करनी चाहिए. साक्ष्य दर्ज करने के लिए वीडियो कन्फ्रेंसिंग की सुविधा भी है और उसका प्रयोग होना चाहिए.
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि अयोध्या ढांचा विध्वंस मामले की रिपोर्ट 6 दिसंबर 1992 को थाना राम जन्मभूमि में दर्ज कराई गई थी. इस मामले की सीबीआई ने जांच की थी. सीबीआई ने 49 आरोपितों के विरुद्ध विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. इसमें से 17 लोगों की मौत हो चुकी है.
मौजूदा समय में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, विनय कटियार, राम विलास वेदांती, चंपत राम बंसल एवं महंत नृत्य गोपाल दास समेत 32 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है. कोर्ट के अनुसार, आरोपितों के बयान के लिए एक हजार से अधिक प्रश्न सीबीआई की ओर से तैयार किए गए हैं.
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