राजस्थान सरकार ने किसानों को नीलगाय और निराश्रित पशुओं से फसलों के नुकसान से बचाने के लिए एक नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत किसानों को अपनी कृषि भूमि की तारबंदी के लिए अनुदान दिया जाएगा। वर्ष 2024-25 के बजट में 75 हजार किसानों को 30 हजार किलोमीटर की तारबंदी के लिए 324 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
भूमि की अनिवार्यता में राहत
उद्योग राज्य मंत्री केके विश्नोई ने जानकारी दी कि सरकार किसान हितों के प्रति प्रतिबद्ध है। पहले सामूहिक आवेदन के लिए न्यूनतम 5 हेक्टेयर भूमि की अनिवार्यता थी, जिसे अब घटाकर 2.5 हेक्टेयर करने पर विचार किया जा रहा है। वर्ष 2024-25 में 50 हजार किसानों को 20 हजार किलोमीटर तारबंदी के लिए 216.80 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया था।
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कितनी मिलेगी सब्सिडी
सरकार ने इस योजना में लघु एवं सीमांत किसानों को 400 रनिंग मीटर तक तारबंदी के लिए कुल लागत का 60% या अधिकतम 48,000 रुपये अनुदान देने का प्रावधान किया है। वहीं सामान्य किसानों के लिए यह अनुदान कुल लागत का 50% या अधिकतम 40,000 रुपये रखा गया है। सामुदायिक आवेदन के तहत 10 या अधिक किसानों के समूह में न्यूनतम 5 हेक्टेयर क्षेत्र में तारबंदी करने पर कुल लागत का 70% या अधिकतम 56,000 रुपये अनुदान दिया जाएगा।
कौन उठा सकता है इस योजना का लाभ
यह योजना सभी श्रेणी के किसानों के लिए लागू है। व्यक्तिगत और समूह आवेदन करने वाले किसानों के पास न्यूनतम 1.5 हेक्टेयर भूमि एक ही स्थान पर होनी चाहिए। अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में भूमि जोत का आकार कम होने के कारण न्यूनतम 0.5 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी। सामुदायिक आवेदन में 10 या अधिक किसानों के समूह के पास न्यूनतम 5 हेक्टेयर भूमि होनी चाहिए और समूह की भूमि सीमित परिधि में होनी अनिवार्य है।
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आवेदन की प्रक्रिया
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान ‘राज किसान साथी पोर्टल’ पर जनआधार के माध्यम से स्वयं या नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा करने पर प्राप्ति रसीद भी ऑनलाइन ही मिलेगी। आवेदन पत्र के साथ आधार कार्ड, जनआधार कार्ड, बैंक खाते का विवरण, और छह महीने से अधिक पुरानी नहीं हुई जमाबंदी की नकल संलग्न करनी होगी।
जरूरी सूचना
जिन किसानों का जनआधार पर लघु एवं सीमांत कृषक श्रेणी में पंजीकरण है, केवल उन्हीं को इस योजना के लिए पात्र माना जाएगा। यदि जनआधार में यह पंजीकरण नहीं है, तो सक्षम स्तर से जारी लघु या सीमांत किसान प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
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मोबाइल पर मिलेगी जानकारी
आवेदन के बाद कृषि विभाग तारबंदी कार्य की प्रशासनिक मंजूरी देगा, जिसकी जानकारी किसानों को मोबाइल मैसेज या कृषि पर्यवेक्षक के माध्यम से दी जाएगी। तारबंदी का कार्य पूरा होने के बाद विभाग द्वारा मौका सत्यापन और जियो-टैगिंग की जाएगी, जिसके बाद अनुदान राशि सीधे किसान के बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी।