
भोपाल. मध्य प्रदेश स्थित भोपाल में साल 1984 के यूनियन कार्बाइड कांड में जिन्दा बचे लोगों में 6 लोग हाल ही में कोरोना वायरस संक्रमण का शिकार हो गए. वह सभी भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में भर्ती थे. हालांकि बीते सप्ताह की उनकी मौत हो गई. इसके बाद 1984 की त्रासदी में पीड़ितों के लिए काम करने संगठनों ने आरोप लगाया है कि ऐसा अस्पताल की लापरवाही और कुप्रबंधन से हुआ.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त निगरानी समिति को भेजी गई एक चिट्ठी में समूहों ने छह गैस त्रासदी पीड़ितों की जानकारी शेयर की है जो ICU में भर्ती थे और वहीं उनकी मृत्यु हो गई. चिट्ठी में आरोप लगाया गया है कि इनके उपचार के लए कोई फुल टाइम डॉक्टर तैनात नहीं था और इन रोगियों का कोविड -19 के लिए कोई इलाज नहीं किया जा रहा था.
बीएमएचआरसी भोपाल गैस पीड़ितों की चिकित्सा जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया एक सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल है . फिलहाल यह इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा चलाया जा रहा है.
भारत चीन सीमा विवाद पर सरकार ने की अहम बैठक, LAC पर ये रणनीति अपनाएगी सेना
Source link