इंदौर-खंडवा रूट पर बेलगाम दौड़ती निजी बसों पर रफ्तार की फ्रिक्वेंसी तय करने के लिए अब परिवहन विभाग ने नया तरीका निकाला है। एक साफ्टवेयर बनवा कर उसके आधार पर मिलने वाली जानकारी से इस रूट की फ्रिक्वेंसी तय की जाएगी। बस संचालकों की सहमति लेकर इस रूट की बसों को 10 मिनट के अंतराल बाद चलाया जाएगा, जबकि बुरहानपुर रूट पर चलने वाली बसों की बीच 15 से 20 मिनट की हो सकती है।
लगातार हो रहे हादसों के बीच पिछले दिनों एआरटीओ राजेश और बस संचालकों की कमेटी द्वारा इस मार्ग का दौरा किया था। अब कमेटी ने उसकी रिपोर्ट तैयार कर ली है। एआरटीओ राजेश गुप्ता अनुसार हम लोगों को यह दूरी तय करने में साढ़े पांच घंटे लग गए। सारे सुझावों को देख कर हमने एक रिपोर्ट बनाई है।
इंदौर खंडवा मार्ग बना हादसों का सफर
नई व्यवस्था होगी लागू
इस पर अगले सप्ताह संभागीय परिवहन आयुक्त को अंतिम निर्णय लेना है। बस संचालकों के साथ बैठक की जाएगी। सबकी सहमति से ही नई व्यवस्था लागू होगी। बस संचालक खुद भी अब इस रूट पर नए परमिट नहीं देने के लिए सहमत हैं। प्राइम रूट बस आनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने बताया कि हम भी चाहते हैं कि इस रूट पर बसों की फ्रिक्वेंसी तय हो और नए परमिट जारी होने पर रोक लगे।
ग्वालियर में बन रहा साफ्टवेयर
अधिकारियों ने बताया कि अभी तक परमिट का काम मैन्युअल है, लेकिन अब पहली बार इसके लिए साफ्टवेयर बना रहे हैं। इसमें इंदौर बड़वाह सनावद खंडवा रूट की सभी 175 बसों, उनके स्टाप की जानकारी शामिल की जाएगी। इसके अनुसार यह तय किया जाएगा कि इस रूट पर बसें कितनी देर के अंतराल में चलें। जैसे इंदौर से कोई बस सुबह 8 बजे चलेगी तो वह सिमरोल 9 बजे पहुंच जाएगी, इसके बाद उसे बड़वाह और सनावद पहुंचने में कितना समय लग जाएगा। इस पूरी जानकारी इस साफ्टवेयर में होगी। इसी के आधार पर फ्रिक्वेंसी तय होगी। यह साफ्टवेयर ग्वालियर में बन रहा है।
व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस से रहेगी नजर
सूत्रों ने कहा कि सभी व्यावसायिक वाहनों पर व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं, एक सेंट्रल कमांड सिस्टम भी बनाया जा रहा है, जिससे वाहनों की लोकेशन पर नजर रहेगी। भविष्य में यह भी हो जाएगा कि बसों को अपने निर्धारित रूट की दूरी निर्धारित समय में ही पूरी करना पड़ेगी।