पिपलिया बुजुर्ग/मनोहर मंजुल। दमोह के एक शैक्षणिक संस्थान द्वारा धर्मांतरण और मजहबी शिक्षा दिए जाने के मामले में दमोह की गंगा जमुना स्कूल (Ganga Jamuna School) की घटना की समाज के अनेक वर्गों ने निंदा करते हुए इसे व्यापक षड्यंत्र निरूपित करते हुए समाज एवं शासन को सतर्क रहने की बात कही है ।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसर डॉ सोनाली सिंह ने कहा कि धर्म में मानवता का समाहित होना जरूरी है किंतु जब कोई धर्म अपने को श्रेष्ठ एवं अन्य को निकृष्ट समझता है तब यह स्थिति उत्पन्न होती है दमोह की (Ganga Jamuna School) घटना चेतावनी है हमें सनातन एवं अपने प्राचीन धरोहर की रक्षा करना होगी।
निजी स्कूल संचालक प्रवीण पारिख काम मत है कि स्कूल विद्या के मंदिर होते हैं यहां किसी भी प्रकार के षड्यंत्र एवं मजहबी कट्टरता को संचालित करना न केवल कानूनी दृष्टि से बल्कि नैतिक दृष्टि से भी अपराध है दुर्भाग्य है कि दमोह जैसी घटनाएं हमारे समाज में घटित हो रही है प्रशासनिक जागरूकता एवं कठोर कार्यवाही की अपेक्षा है।
ग्राम के शैलेंद्र सिसोदिया ने बताया कि किसी षड्यंत्र के तहत विद्या के मंदिर को दूषित किए जाने की चेष्टा की गई है दमोह में हिंदू बेटियों को इस्लाम की ओर आकर्षित किए जाने की जो चेष्टा की गई है ऐसा अपराध है जिसकी क्षमा नहीं है सरकार को हर संभव कठोर कदम उठाया जाना चाहिए।
समाज सेवा से जुड़े दिलीप भंडारी का मत है कि यह आने वाले समय का संकेत है अगर हम आज जागरूक नहीं हुए तो इसके दुष्परिणाम आने वाले समय में उठाने पड़ेंगे। दमोह के गंगा जमुना स्कूल में जो बड़ा षड्यंत्र सामने आया है वह आंख खोलने वाला है समाज को भी जागरूक होना होगा।
राजनीतिक दल से जुड़ी विमला चौधरी का कहना है कि कालांतर में इस्लाम का प्रभाव बल के द्वारा किया गया अब छल का सहारा लिया जा रहा है हमें अपनी संस्कृति और विरासत की रक्षा के लिए अपने आप को मजबूत बनाना होगा हम अपने परिवार में बच्चों को अपनी विरासत और संस्कृति की शिक्षा अवश्य दें स्कूलों के चयन में पर्याप्त सावधानी हो।
किराना के थोक व्यवसाई विमल जैन का मत है कि गंगा जमुना जैसे पवित्र नाम का उपयोग मजहबी कट्टरता फैलाने के लिए किया गया यह न केवल दुर्भाग्यपूर्ण बल्कि शर्मनाक है कि 1 बड़े शहर में इस प्रकार की गतिविधियां चलती रहे और समाज में इसकी जानकारी ना मिली स्कूल हमारी संस्कृति और विरासत का केंद्र है और इसे किसी धर्म विशेष का प्रचार किया जाना नितांत ही दुर्भाग्यपूर्ण है
कृषि से जुड़े भगवान जाट ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि दमोह जैसे बड़े स्थान पर धर्म विशेष के प्रचार का साधन स्कूल को बनाया गया। आपने यह भी बताया कि यह केवल एक घटना नहीं बल्कि इस प्रकार की घटनाएं न केवल प्रदेश में बल्कि देश के अनेक भागों में संचालित हो रही है इस स्कूल के तार जाकिर नाइक जैसे अगर जुड़े हैं तो यह चिंता का विषय है इस बाबत शासन प्रशासन को कठोर कार्यवाही करना चाहिए।
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