बड़वाह विधानसभा में कांग्रेस को अपनी जीत बरकरार रखना है तो गैर गुर्जर को टिकिट देना होगा 

Barwah Assembly

बड़वाह (विशेष प्रतिनिधि)। 

मध्य प्रदेश में  विधानसभा चुनाव का चुनाव अब दूर नहीं है। मुख्यमंत्री की  जन आशीर्वाद रैली के माध्यम से बड़वाह विधानसभा 2023 (Barwah Assembly) में  भी भाजपा ने भी चुनावी बिगुल बजा दिया है। चुनावी समर में इस बार भाजपा के  उम्मीदवार लोकसभा चुनाव दौरान में  कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले विधायक सचिन बिरला ही ही प्रत्याशी होंगे ऐसी खबर पार्टी के लोगों में हैं । जन आशीर्वाद यात्रा में मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें आगे रखकर उनकी उम्मीदवारी पर तकरीबन मोहर लगा ही दी है।

दूसरी और अभी  उम्मीदवारी को लेकर कांग्रेस  मंथन में लगी हैं। बड़वाह विधानसभा में कांग्रेस दल से टिकिट मांगने वालो में सबसे अधिक संख्या गुर्जर समाज के लोगों की ही हैं जिनमे प्रमुख रूप से सबसे आगे नाम जो हैं वो पूर्व सांसद ताराचंद पटेल के भतीजे नरेंद्र पटेल का हैं।

इसके बाद नपा अध्यक्ष प्रतिनिधि इंदर बिरला,सोभाग पटेल,पूर्व मंडी उपाध्यक्ष सोहन शाह सभी गुर्जर समाज से है वही अन्य समाज मे हाल फिलहाल जो सबसे ऊपर पूरी बड़वाह विधानसभा (Barwah Assembly) में जो नाम चर्चित और दमदारी के साथ आ रहा हैं तो वो त्रिलोक राठौड़ का है जो विगत एक वर्ष से पूरी विधानसभा में धूमकेतु के रूप में छाए हुए हैं। दूसरा नाम बडवाह के प्रसिद्ध व्यापारी और समाजसेवी स्व.सुगनचंद जी रोकड़िया के सुपुत्र नीलेश रोकड़िया का आता हैं जो कांग्रेस के सक्रिय सिपाही के रूप में अपनी पहचान कांग्रेस के प्रादेशिक नेताओं के बीच मे रखते हैं का नाम भी चल रहा है।

बड़वाह विधानसभा (Barwah Assembly) क्षेत्र के प्रबुद्धजनों के बीच है चर्चा

बड़वाह विधानसभा में कांग्रेस की  दावेदारी को लेकर जनचर्चा बनी हुई हैं की गुर्जर समाज के द्वारा लगातार जो दावेदारी कर पार्टी पर दबाव बनाया जा रहा हैं उसमें अहम बात यह हैं कि वर्तमान विधायक सचिन बिरला तो बीजेपी से है विधायक और लड़ेंगे भी परन्तु कांग्रेस में कौन होगा प्रत्याशी यह अभी संशय बना हुआ है।सूत्रों और जनचर्चा में यह भी सुनने को मिल रहा है कि यदि कांग्रेस से भी किसी गुजर को टिकिट मिल जाये तो बड़वाह विधानसभा चाहे भाजपा जीते या कांग्रेस गुजर समाज का कब्जा बरकरार रहेगा।

जबकि यदि कांग्रेस अपना उम्मीदवार घोषित किसी अन्य को कर देती हैं तो ऐसे में यदि सचिन की हार हो जाती हैं तो इसके साथ ही गुजर समाज की वर्षों की राजनीति का यहाँ पटाक्षेप हो जाएगा शायद यही एक कारण हैं जिसके साथ सबसे अधिक उम्मवारी इसी समाज के लोग कर रहे हैं जो लाजमी भी हैं।

बताया जाता हैं कि जबसे सचिन ने कांग्रेस का दामन छोड़ा हैं और अचानक नही पूरी रणनीति बना कर बड़वाह के अस्तरिया के रहने वाले त्रिलोक राठौड़ विगत लगभग 2 वर्षो से बड़वाह विधानसभा में पूरी तरह से दमदारी से काम कर रहे हैं और हर आम और खास के बीच अपनी गहरी पैठ जमा ली गईं हैं यदि कांग्रेस इन्हें अपना उम्मीदवार घोषित करती हैं तो अब यह पूरी तरह से टक्कर मार कांग्रेस की इस सीट को वापस कांग्रेस के खाते में लाने का दम रखते हैं।

बतादे कि यह सब कयास क्षेत्र की जनता के बीच लगाए जा रहे हैं यह तो तभी स्पष्ट होगा जब कांग्रेस अपना उम्मीदवार मैदान में उतारेगी जिसकी फिलहाल प्रतिक्षा ही करनी होगी।